India News (इंडिया न्यूज), Delhi IAS Coaching Centre Tragedy: दिल्ली की एक अदालत ने राजेंद्र नगर में UPSC कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत के मामले में एसयूवी चालक और चार अन्य को जमानत देने से इनकार कर दिया है। तीस हजारी कोर्ट ने मनुज कथूरिया, तेजिंदर, हरविंदर, परविंदर और सरबजीत की जमानत याचिका खारिज कर दी। इतना ही नहीं कोर्ट ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर जांच अधिकारी से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को हादसे से जुड़े मामले में अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। मामले की सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि आप मुफ्त उपहार बांटने की संस्कृति चाहते हैं, लेकिन कर एकत्र नहीं करना चाहते, इसलिए ऐसा होना तय है। इसके साथ ही पीठ ने अधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की जरूरत है, लेकिन वे दिवालिया हो गए हैं। स्थिति ऐसी है कि वे वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि एक ‘अजीब जांच’ चल रही है। जांच में इस अदालत ने पाया है कि पुलिस ने कोचिंग सेंटर के पास से गुजरने वाले एसयूवी चालक के खिलाफ तो कार्रवाई की है, लेकिन एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ कुछ नहीं किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट दुर्घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पीठ ने कहा कि जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, लेकिन बहुमंजिला इमारतों को चलने दिया जा रहा है।
पीठ ने यह भी कहा कि इस घटना के लिए सभी पक्ष जिम्मेदार हैं। हम सभी शहर का हिस्सा हैं। नालों के खुलने और बंद होने का कारण हम ही हैं। हम अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पुलिस से अब तक उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट मांगी जा रही है। उसके बाद इस बात पर विचार किया जाएगा कि मामले की जांच किसी केंद्रीयकृत जांच एजेंसी को सौंपी जाए या नहीं।
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