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वो खुबसूरत तवायफ जो बनी मुगलों की तबाही का कारण, जिसके चलते भारत के कब्जे से बाहर गया Kohinoor

BY: Himanshu Pandey • LAST UPDATED : July 5, 2024, 1:50 am IST
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वो खुबसूरत तवायफ जो बनी मुगलों की तबाही का कारण, जिसके चलते भारत के कब्जे से बाहर गया Kohinoor

Mughal Dynasty

India News (इंडिया न्यूज़), Mughal Dynasty: भारत के इतिहास में मुगलों की कई कहानियां हैं। इन कहानियों में नूर बाई नाम की एक वेश्या की कहानी है। नूर बाई अपने नाम की तरह ही खूबसूरत थी। नूर बाई की अदाएं ऐसी थी कि अमीर और ताकतवर लोग उसके दीवाने थे। यहां तक ​​कि मुगल बादशाह भी। शायद यही वजह थी जो मुगलों के अंत का कारण भी बनी। नूर बाई के दीवाने थे ये बादशाह नूर बाई दिल्ली में एक हवेली में रहती थी। लोग उनकी खूबसूरती के कायल थे और जब उनके चर्चे शुरू होते थे तो थमते ही नहीं थे। एक दिन ये चर्चे मुगल बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह तक पहुंच गए। नसीरुद्दीन शराब और औरतों के बहुत शौकीन थे। साथ ही, ये वो समय था जब मुगलों की ताकत, रुतबा और दौलत तेजी से घट रही थी। नादिर शाह बस एक मौके की तलाश में था ताकि वो इसका पूरा फायदा उठा सके।

बादशाह के गुप्त कमरों तक पहुंच सकती थी नूर बाई 

नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह उर्फ ​​रंगीला और नूर बाई के बीच रिश्ते दिन-ब-दिन मजबूत होते जा रहे थे, हालात ये हो गए थे कि नूर बाई की पहुंच राजा के निजी कमरों तक थी। इसी बीच एक दिन नूर बाई को पता चला कि राजा अपनी पगड़ी में एक हीरा रखते हैं, ये कोई साधारण हीरा नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाने वाला कोहिनूर था। यही वो वक्त था जब नूर बाई के इरादे बदल गए।

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नादिर शाह ने दिल्ली पर किया हमला

नूर बाई ने ये बात ईरानी शासक नादिर शाह को बताई जो दिल्ली पर हमला करना चाहता था। फिर नादिर शाह ने साल 1939 में दिल्ली पर हमला किया और ‘रंगीला’ से सल्तनत छीन ली। इस दौरान उसने राजा से खजाना लूट लिया और 56 दिनों के बाद वापस ईरान जाने का फैसला किया। हालांकि, उसके पास अभी भी एक साजिश बाकी थी। दरअसल, नादिर शाह ने फिर से दिल्ली की सल्तनत राजा को सौंपने का फैसला किया। ये सुनकर सभी हैरान रह गए, फिर नादिर शाह ने कहा कि उनके यहां पगड़ी बदलने की रस्म है। राजा के पास नादिर शाह को ना कहने का विकल्प नहीं था। कहा जाता है कि यह पूरी पटकथा नूर बाई ने लिखी थी। वह राजा को पसंद नहीं करती थी। इस तरह नादिर शाह इस बेशकीमती हीरे को भारत से ईरान ले गया।

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