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West Bengal News: उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति लगातार खराब हो रही है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिन मंगलवार, 17 जनवरी को कहा कि हिमालयी शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को युद्ध स्तर पर कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत पहले ही जोशीमठ में जमीन धंसने की भविष्यवाणी हो चुकी थी। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार को बहुत पहले ही एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा “बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के रानीगंज कोयला क्षेत्र की स्थिति भी उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह होने वाली है। क्योंकि इस क्षेत्र के लिए हम सरकार से 10 वर्षों से लड़ रहे हैं। कोयला इंडिया को लेकर सरकार ने जो पैसे देने की बात कही थी वो आज तक नहीं दिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि अगर जोशीमठ की तरह रानीगंज का हाल हुआ तो इससे करीब 30 हजार लोग प्रभावित होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि रानीगंज कोयला क्षेत्र को भी इसी तरह के संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र में भी जमीन धंसने का खतरा है। बता दें कि रानीगंज कोयला खदान का एरिया है। कोयला खदानों को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें ऐसे ही खाली छोड़ दिया जाता है। इन खदानों में रेत भर दी जाती है। जिस कारण धंसाव की स्थिति बनी रहती है। धंसान के कारण क्षेत्र में अक्सर घटनाएं होती रहती हैं।
केंद्र सरकार को राज्य सरकार की तरफ से रानीगंज क्षेत्र का पुनर्वासन प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। मगर, अभी तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई भी जवाब नहीं दिया है। आपको बता दें कि अलीपुरद्वार के लिए रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा “चेतावनी के बावजूद आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए गए? जोशीमठ में स्थिति बहुत खतरनाक है। इस आपदा के लिए पहाड़ी शहर के निवासी जिम्मेदार नहीं हैं। आपदा होने पर लोगों की देखभाल करना सरकार का कर्तव्य है। सरकार को युद्धस्तर पर कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।”
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