संबंधित खबरें
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
विपक्ष के लगातार अमित शाह पर किए जा रहे हमलों का बीजेपी ने निकाला तोड़, पार्टी जल्द शुरू करेगी ये काम, कांग्रेस और सपा की उड़ने वाली है नींद
'वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा…' जाने बिना नाम लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किस देश की लगा दी क्लास?
India News (इंडिया न्यूज़), THREE GORGES DAN: चीन के हुबेई प्रांत में यांग्त्जी नदी पर बने थ्री गॉर्जेस बांध को दुनिया का सबसे बड़ा बांध माना जाता है, जो अपनी विशालता और प्रभावशाली इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है। इस बांध की लंबाई 7660 फीट और ऊंचाई 607 फीट है। यह बांध न केवल बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है, बल्कि बाढ़ नियंत्रण और नेविगेशन सुधार में भी योगदान देता है।
थ्री गॉर्जेस बांध की क्षमता 40 क्यूबिक किलोमीटर पानी स्टोर करने की है, और इससे 22,500 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है। यह चीन की आर्थिक और ढांचागत रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे लाखों लोगों को बिजली की जरूरतें पूरी होती हैं।
हालांकि, इसके सकारात्मक पहलुओं के बावजूद, यह बांध विवादों में रहा है। इसके निर्माण के कारण करोड़ों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और 632 वर्ग किलोमीटर जमीन बाढ़ की चपेट में आ गई, जिससे स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र और वन्यजीव आवासों पर नकारात्मक असर पड़ा।
संजय राउत को मिली 15 दिन जेल और 25 हजार जुर्माने की सजा, इस बड़े मामले में पाए गए दोषी
इस बांध के निर्माण से जुड़े वैज्ञानिक सवालों में सबसे दिलचस्प यह है कि क्या यह धरती की घूमने की गति पर असर डाल रहा है? नासा के वैज्ञानिकों ने इस पर काफी पहले शोध किया था। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जियोफिजिसिस्ट डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ ने यह सिद्धांत दिया कि थ्री गॉर्जेस बांध के जलाशय में इतना पानी जमा होता है कि यह धरती के द्रव्यमान के वितरण को बदल सकता है।
चाओ के अनुसार, यह बदलाव “जड़त्व के क्षण” (moment of inertia) के सिद्धांत पर आधारित है, जिससे यह तय होता है कि किसी वस्तु की घूर्णन गति पर द्रव्यमान का वितरण किस तरह असर डालता है। उनकी गणनाओं के अनुसार, थ्री गॉर्जेस बांध का जलाशय एक दिन की लंबाई को लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड तक बढ़ा सकता है। साथ ही, यह बांध धरती की धुरी की स्थिति को लगभग 2 सेंटीमीटर तक स्थानांतरित कर सकता है।
बेंगलुरु मर्डर केस के मुख्य अभियुक्त का ओडिशा में मिला शव, आरोपी के सुसाइड नोट से हुआ बड़ा खुलासा
वैज्ञानिकों के अनुसार, प्राकृतिक आपदाएँ भी धरती की घूमने की गति पर प्रभाव डाल सकती हैं। उदाहरण के लिए, 2004 के हिंद महासागर के भूकंप के बाद धरती के घुमाव में 2.68 माइक्रोसेकंड की कमी आई थी। हालांकि, थ्री गॉर्जेस बांध का प्रभाव इसके मुकाबले बहुत छोटा है।
इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन भी धरती के द्रव्यमान के वितरण को प्रभावित कर सकता है। ध्रुवों पर बर्फ पिघलने से भूमध्य रेखा के पास अधिक पानी जमा होता है, जिससे धरती की घूमने की गति में धीरे-धीरे कमी आ सकती है।
Mumbai में बारिश ने मचाई तबाही, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट, उड़ानें डायवर्ट
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या धरती की घूमने की गति में हुए इस बदलाव का समय पर कोई प्रभाव पड़ेगा? वैज्ञानिकों का मानना है कि दैनिक जीवन में इसका कोई विशेष असर नहीं होगा। हालांकि, एटॉमिक क्लॉक्स जैसे सटीक उपकरणों को पुनः सेट करना पड़ सकता है, और हो सकता है कि कुछ दशक बाद एक मिनट मात्र 59 सेकंड का हो जाए। इसके अलावा, जीपीएस और सैटेलाइट ट्रांजैक्शंस पर भी इसका कुछ हद तक प्रभाव पड़ सकता है।
हालांकि, थ्री गॉर्जेस बांध जैसी इंसानी संरचनाओं का धरती की घूमने की गति पर प्रभाव वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, यह प्रभाव दैनिक जीवन में नगण्य ही है। बावजूद इसके, यह साबित करता है कि मानव निर्मित संरचनाएँ सैद्धांतिक रूप से ग्रह पर भौतिक प्रभाव डाल सकती हैं, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो।
इस शख्स ने किए बेंगलुरु की महिला के 50 टुकड़े! पुलिस से बचने के लिए लगातार भाग रहा आरोपी
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.