India News (इंडिया न्यूज़), CAA : केंद्र ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू की। राज्य के आवेदकों के पहले समूह को आज अधिकार प्राप्त समिति द्वारा नागरिकता प्रदान की गई।
हरियाणा और उत्तराखंड की अधिकार प्राप्त समितियों ने भी आज CAA के तहत आवेदकों के पहले समूह को नागरिकता प्रदान की। सरकार ने 11 मार्च, 2024 को नागरिकता (संशोधन) नियम अधिसूचित किए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा नियमों की अधिसूचना दिसंबर 2019 में संसद द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पारित किए जाने के चार साल बाद आई।
नियमों को अधिसूचित किए जाने के दो महीने बाद, 15 मई को 14 लोगों को सीएए के तहत नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट जारी किया गया।
सीएए, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए उन प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए एक तेज़ रास्ता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करता है, जो हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से संबंधित हैं और जो अपने गृह देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के कारण 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर गए थे।
यह कानून पूरे भारत में गहन बहस और व्यापक विरोध का विषय रहा है। बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने सीएए के कार्यान्वयन के लिए बार-बार अपना विरोध व्यक्त किया है। बनर्जी ने सीएए को “मानवता का अपमान” और राष्ट्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए खतरा बताया।
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