India News (इंडिया न्यूज),Bahraich Violence:बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान राम गोपाल मिश्रा पर फायरिंग करने वाले आरोपी रिंकू उर्फ सरफराज खान और तालिब को पुलिस ने मार गिराया है। एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया अभी हताहतों की कोई सूचना नहीं है, लेकिन पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सरफराज मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद का दूसरा बेटा है। एक दिन पहले उसकी फायरिंग की तस्वीर भी सामने आई थी। आरोपी सरफराज और तालिब नेपाल भागने की फिराक में थे। लेकिन, दोनों को पुलिस ने कोतवाली नानपारा क्षेत्र के हांडा बसेहरी नहर के पास घेर लिया। सरफराज की बहन ने एनकाउंटर की आशंका जताई थी।
हमीद की बेटी रुखसार ने आज सुबह बयान जारी किया था। उसने कहा, ‘कल बुधवार शाम 4 बजे मेरे पिता अब्दुल हमीद, मेरे दो भाई सरफराज, फहीम और उनके साथ एक अन्य युवक को यूपी एसटीएफ ने उठा लिया है। मेरे पति और मेरे देवर को पहले ही उठा लिया गया है। किसी भी थाने से उनकी कोई खबर नहीं मिल रही है। हमें डर है कि कहीं वह एनकाउंटर में मारा न जाए।
यह फोटो दंगे से पहले की है, जिसमें राम गोपाल की हत्या का मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद खड़ा है। थोड़ी देर बाद राम गोपाल उसी छत पर चढ़कर झंडा लहराता है। हिंसा के 5वें दिन राम गोपाल को गोली लगने का वीडियो सामने आया गुरुवार को राम गोपाल मिश्रा का एक नया वीडियो सामने आया। इसमें दिख रहा है कि छत पर झंडा फहराने के बाद राम गोपाल दूसरा झंडा लपेट रहे हैं। इसी बीच सामने से गोली चलती है, जो उनके सीने में लगती है। वह मुंह के बल गिर जाते हैं। वीडियो में बच्चों की आवाजें सुनाई दे रही हैं- मर गया…मर गया, भाग…भाग। वीडियो देखकर लग रहा है कि इसे सामने की छत से बनाया गया है।
Sarfaraz, an accused in Bahraich violence, shot in a dramatic police encounter.
Family had already alleged UP STF has picked him up and his whereabouts were not known.
When “Encounter Justice” is to be done like this for RW appeasement, why not shut down all the courts??🤷♂️ pic.twitter.com/rvZntq02GV
— Avishek Goyal (@AG_knocks) October 17, 2024
जिस जगह दंगा हुआ, वह अब्दुल हमीद के घर की छत थी। राम गोपाल को गोली लगने का जो वीडियो सामने आया है, वह अब्दुल हमीद नाम के शख्स के घर की छत का है। इसी घर में राम गोपाल की हत्या की गई थी। रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए बवाल की शुरुआत अब्दुल हमीद के घर से हुई थी। पहले डीजे को लेकर विवाद हुआ। फिर पथराव शुरू हो गया। इस दौरान रामगोपाल मौका पाकर छत पर चढ़ गया। उसने वहां लगा झंडा हटाकर भगवा झंडा फहरा दिया। इसके बाद अफवाह फैली कि राम गोपाल को घसीटकर पास की एक बिल्डिंग में ले जाया गया, जहां उसे बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और गोली मारकर हत्या कर दी गई। जैसे ही इस घटना की खबर काफिले में शामिल अन्य लोगों तक पहुंची, लोगों में तुरंत गुस्सा फैल गया और लोगों ने तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी। इस घटना में अफवाहों ने आग में घी डालने का काम किया। सबसे पहले अफवाह फैली कि राम गोपाल को भीड़ के बीच गोली मार दी गई। इसके बाद अफवाह फैली कि उसके नाखून उखाड़े गए और घर में घसीटकर उसे बिजली के झटके दिए गए। आखिर में उसे गोली मार दी गई। इन अफवाहों के चलते बहराइच तीन दिनों तक दंगों की आंच में जलता रहा। किसी के प्रयास के बावजूद दंगाई रुक नहीं रहे थे। हालात यहां तक पहुंच गए कि न सिर्फ बहराइच बल्कि आसपास के कई जिलों से पुलिस बल बुलाना पड़ा। यहां तक कि खुद डीजीपी प्रशांत कुमार को बहराइच में कैंप करना पड़ा। एडीजी कानून व्यवस्था और यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश भी हाथ में पिस्टल लेकर दंगाइयों का पीछा करते नजर आए।पुलिस ने रामगोपाल की हत्या में अब्दुल हमीद और उसके दो बेटों समेत 6 लोगों को नामजद किया है। मामले में 4 अज्ञात हैं।
Bahraich Violence: बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपियों का एनकाउंटर, नेपाल भागने की कर रहे थे तैयारी
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