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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
मच्छर काटने से होने वाली जानलेवा बीमारी मलेरिया बुखार (malaria fever) के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर वर्ष आज के दिन यानी 25 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। मलेरिया बुखार (malaria fever) केवल एक नहीं बल्कि पांच तरह का होता है। यह मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है।
पहली बार 25 अप्रैल 2008 को यह दिवस मनाया गया। यूनिसेफ का इस दिन को मनाने का मकसद मलेरिया (malaria fever) जैसे खतरनाक रोक के प्रति लोगों को जागरूक करना है, जिससे हर वर्ष लाखों लोग मरते हैं। विश्व में कई ऐसे देश हैं जो मलेरिया (malaria fever) से लड़ रहे हैं।
जो प्लाज्मोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस मानव शरीर में मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से प्रवेश करके उसे कई गुना बढ़ा देता है। उसके बाद यह जीवाणु लिवर व रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार कर देता है। मलेरिया (malaria fever) फैलाने वाली इस मादा मच्छर एनोफिलीज में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं।
मलेरिया (malaria fever) अलग-अलग तरह का होता है। जैसे प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति एकदम बेसुध हो जाता है। लगातार उल्टियां होने से इस बुखार में व्यक्ति की जान भी जा सकती है। सोडियम विवैक्स। विवैक्स परजीवी ज्यादातर दिन के समय काटता है। यह मच्छर बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है जो हर तीसरे दिन अर्थात 48 घंटे बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है। प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया। मलेरिया का यह रूप बिनाइन टर्शियन मलेरिया उत्पन्न करता है। प्लास्मोडियम मलेरिया।
प्लास्मोडियम मलेरिया (Malaria) एक प्रकार का प्रोटोजोआ है, जो बेनाइन मलेरिया (Malaria) के लिए जिम्मेदार होता है। इस रोग में क्वार्टन मलेरिया (malaria fever) उत्पन्न होता है, जिसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है। इसके अलावा रोगी के यूरिन से प्रोटीन निकलने लगते हैं और शरीर में प्रोटीन की कमी होकर सूजन आ जाती है। प्लास्मोडियम नोलेसी। दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इस मलेरिया से पीड़ित रोगी में सिर दर्द, भूख ना लगना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
जहां तक संभव हो फुल बाजू की शर्ट, मौजे आदि से शरीर के हर हिस्से को ढक कर रखने की कोशिश करनी चाहिए। रुके पानी वाली जगह को मिट्टी से भर दें या फिर उस पानी में मिट्टी का तेल या डीजल डाल दें। इससे मच्छर नष्ट हो जाता है। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। मच्छरदानी में सोना चाहिए। खुले हिस्से पर मॉसक्युटो रिप्लेंट लगाना चाहिए। घर के आस-पास समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहना चाहिए।
मलेरिया (malaria fever) के लक्षण तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द होना अत्यधिक पसीना आना, खांसी आना, जी मचलाना, -उल्टी होना, बहुज ज्यादा ठंड लगना, शरीर में ऐंठन होना, छाती और पेट में तेज दर्द और मल के साथ रक्त आना आदि हैं। संक्रमण के बाद आमतौर पर 10 दिन से 4 सप्ताह में इस रोग के लक्षण विकसित हो सकते हैं। कई बार, इसके परजीवी शरीर में लंबे समय तक सुप्त पड़े रहते हैं और यह समय ज्यादा भी हो जाता है।
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