India News (इंडिया न्यूज),Atishi:आतिशी को दिल्ली की कमान मिलने से आम आदमी पार्टी के वे नेता पीछे छूट गए हैं जिनका अरविंद केजरीवाल से रिश्ता पार्टी की स्थापना से भी पुराना है। केजरीवाल के इस्तीफे से खाली हुई सीएम की कुर्सी आतिशी के जरिए भरी गई है, लेकिन भारी भरकम मंत्रालय संभाल रहीं आतिशी को नई जिम्मेदारी मिल गई है और कैबिनेट में जगह खाली हो गई है। यानी दिल्ली सरकार में नए नेताओं की एंट्री तय है। वहीं, अगर आतिशी अगले चुनाव तक मुख्यमंत्री बनी रहती हैं तो भी संगठन के लिहाज से उनका कद बढ़ना तय माना जा रहा है। सीएम होने के नाते वे फ्रंट लाइन लीडर तो बनेंगी ही, साथ ही प्रमुख स्टार प्रचारक भी बनेंगी। जानें कैबिनेट और संगठन में क्या बदलाव होगा?
अरविंद केजरीवाल अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। केजरीवाल कैबिनेट में शामिल आतिशी को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल गई है। ऐसे में अगर नई सरकार में पूरा मंत्रिमंडल दोहराया भी जाता है तो सिर्फ 5 चेहरे ही पूरे होंगे। इसके 2 कारण हैं पहला, आतिशी के मुख्यमंत्री बनने से उनका मंत्री पद खाली हुआ है। दूसरा, सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद का इस्तीफा।
अप्रैल 2024 में राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल के जेल में होने के कारण पार्टी सरकार में कोई नया चेहरा शामिल नहीं कर सकती थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार दिल्ली में अधिकतम 7 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
अब कहा जा रहा है कि नई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सभी सीटें भरी जाएंगी। चेहरे को लेकर भी चर्चा है। दलित राजकुमार आनंद के कारण एक मंत्री पद खाली हुआ है, इसलिए कहा जा रहा है कि यह पद किसी दलित विधायक को ही दिया जाएगा।
दूसरी सीट को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। कहा जा रहा है कि पार्टी किसी वैश्य या हरियाणा के आसपास की सीट पर प्रभाव रखने वाले नेता को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।
मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद आतिशी को कैबिनेट में लिया गया लेकिन उन्हें डिप्टी सीएम का पद नहीं दिया गया। इसके पीछे कई समीकरण बताए गए। हालांकि, अब आतिशी की सरकार में कहा जा रहा है कि किसी को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। हाल ही में दलित चेहरे को सीएम बनाने की चर्चा थी, लेकिन आखिरी बाजी आतिशी के हाथ लगी। ऐसे में कहा जा रहा है कि दलित को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी जा सकती है, ताकि राजनीतिक समीकरण को संतुलित किया जा सके। हालांकि, आखिरी फैसला अरविंद केजरीवाल को लेना है।
आतिशी को अब तक पार्टी के मंच पर दूसरी पंक्ति में जगह मिलती थी। हाल ही में जब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए और पार्टी मुख्यालय गए तो आतिशी दूसरी पंक्ति में बैठी नजर आईं। केजरीवाल के साथ पहली पंक्ति में संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा, संदीप पाठक और भगवंत मान बैठे थे। केजरीवाल के एक तरफ सिसोदिया थे तो दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री मान थे। अब आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद फ्रंटलाइन की सीटों में बदलाव हो सकता है। आतिशी को अब पार्टी के मंच पर पहली पंक्ति में जगह मिलेगी। वजह है उनका पद।
लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी द्वारा जारी स्टार प्रचारकों की सूची में आतिशी का नाम 12वें नंबर पर था। उनसे ऊपर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय थे। तीसरे नंबर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम था।
हरियाणा चुनाव के लिए हाल ही में जारी स्टार प्रचारकों की सूची में आतिशी का नाम 13वें नंबर पर था। आतिशी अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। कहा जा रहा है कि अब स्टार प्रचारकों की सूची में आतिशी का नाम टॉप 5 में हो सकता है।
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