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इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :
जहां एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर देशभर में बिजली की मांग बढ़ रही है। देश के एक चौथाई पावर प्लांट बंद होने के कारण 16 राज्यों में 10 घंटे तक के पावर कट देखने को मिल रहे है। सरकारी रिकॉर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार देशभर में 10 हजार मेगावॉट, यानी 15 करोड़ यूनिट की कटौती की जा रही है, जिसके मुकाबले बिजली की कमी वास्तव में कहीं अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी बिजली कटौती का असर अब साफ देखा जा सकता है। कोयले की कमी के चलते दिल्ली में बिजली का भयंकर संकट दिख सकता है। सरकार ने दिल्ली में कोयले की इस भयंकर कमी और उससे होने वाली विद्युत आपूर्ति को लेकर चिंता जाहिर की है। दादरी और ऊंचाहार पावर स्टेशन से विद्युत आपूर्ति कम होने से दिल्ली मेट्रो और अस्पताल समेत कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे की बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है।
इस स्थिति को लेकर बृहस्पतिवार के दिन दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक की साथ ही दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र में अच्छी मात्रा में कोयला देने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया है। दिल्ली सरकार ने कहा कि नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट दर्ज के अनुसार एनसीपीसी के कई पावर स्टेशन पर कोयले की भारी कमी है।
आपको बता दें अकेले यूपी में ही 3 हजार मेगावाॅट से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। वहां 23 हजार मेगावाॅट बिजली की मांग है, जबकि सप्लाई में केवल 20 हजार मेगावाॅट बिजली ही मिल रही है। देश के एक चौथाई बिजली प्लांट्स का बंद होना बिजली कटौती का मुख्य कारण है। जिन में से 50 प्रतिशत प्लांट कोयले की कमी के चलते बंद हुए हैं।
जानकारी देते हुए पावर सेक्टर के विशेषज्ञ शैलेंद्र दुबे ने बताया कि इस समय भारत में बिजली उत्पादन की मौजूदा क्षमता 3.99 लाख मेगावाट है। इसमें 1.10 लाख मेगावाट रिन्युएबल एनर्जी (सोलर-विंड) की हिस्सेदारी है। बाकी 2.89 लाख मेगावाट में से 72,074 मेगावॉट क्षमता के प्लांट बंद हैं। इनमें से 38,826 मेगावॉट प्लांट्स में उत्पादन हो सकता है, लेकिन इंधन ही नहीं है। 9,745 मेगावाट क्षमता के प्लांट्स में शेड्यूल्ड शटडाउन है। 23,503 मेगावाट क्षमता के प्लांट अन्य कारणों से बंद पड़े हैं।
केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि देशभर के थर्मल प्लांट्स के पास 2.20 करोड़ टन कोयला है, जोकि 10 दिनों के लिए बहुत है। इसलिए उन्हें पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करना चाहिए। वहीं सीसीएल के प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद ने कहा कि प्लांट्स को प्रतिदिन 2.2 लाख टन कोयला दिया जाएगा।
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