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आपके रोग को कम करने के बजाय और बढ़ा रही थीं ये दवाएं! शुगर, बीपी समेत 50 से ज्यादा दवाओं पर सरकार ने लगाया बैन

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : September 25, 2024, 9:10 pm IST

medicine

India News (इंडिया न्यूज),53 medicines failed the quality test: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 53 दवाओं की गुणवत्ता जांच में फेल कर दिया है। इनमें बीपी, डायबिटीज और विटामिन की कुछ दवाएं शामिल हैं। सीडीएससीओ ने जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनाक, एंटीफंगल दवा फ्लूकोनाजोल और कुछ विटामिन की दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं का निर्माण देश की कई बड़ी दवा कंपनियां करती हैं। ये दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल हो गई हैं और इन्हें स्वास्थ्य के लिए खतरनाक घोषित किया गया है। सीडीएससीओ ने 53 दवाओं की जांच में फेल कर दिया है, हालांकि 48 दवाओं की सूची जारी की गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 दवाओं को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि ये उनकी दवाएं नहीं हैं। उनकी कंपनी के नाम पर बाजार में सिर्फ नकली दवाएं बेची जा रही हैं।

पैंटोसिड टैबलेट पर भी प्रतिबंध

सन फार्मा द्वारा निर्मित पैंटोसिड टैबलेट भी उन दवाओं में शामिल है, जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दवा का इस्तेमाल एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए किया जाता है। इस दवा का इस्तेमाल कई लोग करते हैं और पिछले कुछ सालों में इसका सेवन भी बढ़ा है, लेकिन यह दवा भी जांच में पास नहीं हो पाई है। कैल्शियम और विटामिन डी की गोलियां – हाई बीपी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली शेल्कल और पल्मोसिल इंजेक्शन भी जांच में फेल हो गई हैं। एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक क्लैवम 625 दवा भी जांच में फेल हो गई। हालांकि, कुछ दवा कंपनियों ने यह भी दावा किया है कि सीडीएसओ द्वारा चिह्नित दवाओं के बैच नकली हैं और उनके द्वारा निर्मित नहीं हैं।

स्वास्थ्य को नुकसान

केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, एमाइलेज, प्रोटीज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, सेल्यूलेज, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनेज, हेमीसेल्यूलेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, माल्ट डायस्टेस, इनवर्टेज और पपैन के इस्तेमाल से लोगों को खतरा है। जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें बालों के इलाज के लिए एंटीपैरासिटिक दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने लोगों को इन दवाओं के स्थान पर दूसरी दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

इन दवाइयों पर रोक 

कुछ दिन पहले सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज वाली दवाइयों पर रोक लगाई थी। उन दवाइयों को भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया था। फिर सरकार ने ड्रग्स एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के बाद यह फैसला लिया। फिक्स्ड डोज वाली दवाइयां यानी एफडीसी वो दवाइयां होती हैं, जिनमें एक ही गोली में एक से ज्यादा दवाइयां मिली होती हैं और इन्हें लेने से तुरंत आराम मिलता है।

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