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Exclusive: One Nation One Election के मुद्दे पर इवेंट के दौरान भिड़े कांग्रेस-भाजपा, तीखी बहस में निकले दिलचस्प प्वाइंट्स

BY: Shubham Srivastava • LAST UPDATED : December 13, 2024, 12:31 pm IST
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Exclusive: One Nation One Election के मुद्दे पर इवेंट के दौरान भिड़े कांग्रेस-भाजपा, तीखी बहस में निकले दिलचस्प प्वाइंट्स

Third Law & Constitution Dialogue

India News (इंडिया न्यूज), Third Law & Constitution Dialogue : आज से शुरू हुए Third Law & Constitution Dialogue इवेंट में One Nation One Election का मुद्दा भी उठा। जिसमें सदन की तरह यहां पर भी पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रहा। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी नेता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के बीच तीखी बहस हुई। जहां जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर कहा कि, चुनाव लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अगर हर 3 महीने में चुनाव होते हैं, तो हम हर समय चुनाव मोड में रहेंगे। इससे सरकारों या पार्टियों के लिए निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है। व्यापक जनहित के लिए कदम उठाने में हमेशा किसी न किसी तरह की हिचकिचाहट बनी रहेगी।

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सुप्रिया श्रीनेत ने उठाए सवाल

एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा की, स्थानीय पार्टियों और राज्य स्तर पर पार्टियों का उदय हुआ है। आप इस तथ्य को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते कि भाजपा या कांग्रेस ही अकेली नहीं हैं। क्या एक राष्ट्र एक चुनाव के कदम से कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल कम नहीं हो जाएगा? क्या राज्यों को विश्वास में लिया गया है? आगे उन्होंने कहा कि, यह एक संदिग्ध तर्क है कि एक राष्ट्र एक चुनाव राजनीतिक दलों के खर्च को कम करेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता अमन सिन्हा ने भी दी प्रतिक्रिया

वरिष्ठ अधिवक्ता अमन सिन्हा ने इवेंट में बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू करने के लिए क्या आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए व्यापक संशोधन की आवश्यकता नहीं है। यह अनुच्छेद 368 से संबंधित है। इस कदम के लिए राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।

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