संबंधित खबरें
'भारत नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे महात्मा गांधी', इस मशहूर हिंदूस्तानी ने मचाया बवाल, तिलमिला गए सुनने वाले
‘किस हद तक गिरोगे कुमार विश्वास’ सोनाक्षी सिन्हा पर भद्दा कमेंट करके बुरा फंसे ‘युगकवि’! सुप्रिया श्रीनेत ने लताड़ा
PM Modi ने 71 हजार युवाओं को बांटें Appointment Letters, जानें, किन सरकारी विभागों में हुई बंपर भर्ती ?
18 साल की उम्र में उठा ली AK-47… जाने कैसे मिली यूपी पुलिस को तीनों आतंकियों की खबर, क्या थे ऑपरेशन के मुख्य पॉइंट्स?
चैन की नींद सो रहे थे मासूम और…रात के अंधेरे में मौत ने कर दिया तांडव, वीडियो देख कांप जाएगी रूह
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ 'क्रूरता'
India News (इंडिया न्यूज), Narayana Murthy: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भारत की तेजी से बढ़ती आबादी को देश की स्थिरता के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के बाद से जनसंख्या नियंत्रण की काफी उपेक्षा की गई है। अब यह एक चूक देश के भविष्य को खतरे में डाल रही है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के सामने जनसंख्या, प्रति व्यक्ति भूमि उपलब्धता और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियां हैं।
उन्होंने भारत की तुलना अमेरिका, ब्राजील और चीन जैसे देशों से करते हुए कहा कि इन देशों में प्रति व्यक्ति भूमि उपलब्धता कहीं अधिक है। आपातकाल के बाद से हमने जनसंख्या नियंत्रण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है। इससे हमारे देश के अस्थिर होने का खतरा पैदा हो गया है। नारायण मूर्ति ने कहा कि अगली पीढ़ी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक पीढ़ी को कई त्याग करने पड़ते हैं।
मेरे माता-पिता, भाई-बहन और शिक्षकों ने मेरी प्रगति के लिए त्याग किया और मुख्य अतिथि के रूप में मेरी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि उनका त्याग व्यर्थ नहीं गया है। पिछले महीने की शुरुआत में उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में चीन से प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि चीन की जीडीपी भारत से छह गुना अधिक है। ऐसे में भारत के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना दुस्साहस है। देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास के लिए सरकारी भागीदारी और लोक प्रशासन में सुधार जरूरी है।
उन्होंने कहा था कि चीन पहले ही दुनिया की फैक्ट्री बन चुका है। चीन में बनने वाले करीब 90 फीसदी सामान का इस्तेमाल दुनिया के सुपरमार्केट और घरों में हो रहा है। चीन की जीडीपी भारत से छह गुना ज्यादा है। ऐसे में हमारा यह कहना बहुत दुस्साहस है कि भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्लोबल लीडर बनेगा। जीडीपी वह अहम चुनौती है जिससे भारत को पार पाना है।
रक्षाबंधन पर मंडरा रहा है भद्रा का साया, ये हैं आज के 2 शुभ मुहूर्त, बहनें इस बात का रखें खास ध्यान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.