India News (इंडिया न्यूज), Tirupati laddu Controversy: महाराष्ट्र के अहमदनगर का शिरडी के साईं बाबा की वजह से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। शिरडी के साईं बाबा के दर्शन करने रोजाना हजारों लाखों लोग आते हैं। तिरुपति बालाजी की तरह शिरडी में भी प्रसाद में लड्डू मिलते हैं। तिरुपति बालाजी के लड्डू इन दिनों चर्चा में हैं। एक जांच में पता चला है कि इन लड्डुओं में जानवर की चर्बी मिलाई गई थी। इस खुलासे के बाद से न सिर्फ आंध्र प्रदेश की सियासत गरमा गई है, बल्कि दुनियाभर के लाखों भक्तों की आस्था भी आहत हुई है। इस बीच आपको बता दें कि शिरडी साईं बाबा के मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में भी एक बार मिलावट का आरोप लग चुका है।
यह घटना अगस्त 2012 की बताई जाती है। उस समय कई भक्तों ने आरोप लगाया था कि मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू में मिलावट की जा रही है। भक्तों की शिकायत थी कि इस लड्डू की गुणवत्ता बहुत खराब है। कुछ भक्तों ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि इसमें से बदबू आती है। उस समय तिरुपति बालाजी की तरह शिरडी में भी प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले देसी घी की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। देश के कोने-कोने से भक्त साईं बाबा के दरबार में माथा टेकने आते हैं और मंदिर द्वारा दिए जाने वाले लड्डू को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। लेकिन प्रसाद में मिलावट की इस खबर ने लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई थी।
प्रसाद को लेकर एक भक्त ने कहा था, ‘हम यहां कई बार आ चुके हैं, लेकिन इस बार हमें जो लड्डू प्रसाद के तौर पर मिला है, उसका स्वाद थोड़ा कड़वा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे भक्त ने कहा कि यह आस्था का मामला है, इसलिए कोई कुछ भी कहने से कतरा रहा है। लेकिन स्वाद में कसैलापन काफी समय से महसूस किया जा रहा था। शिकायत के बाद खाद्य एवं मिलावट विभाग (एफडीए) ने साईं बाबा मंदिर की रसोई में छापा मारा। एफडीए की टीम ने मंदिर में प्रसाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी के नमूने एकत्र किए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया। जांच में क्या निकला, यह पता नहीं चल सका। लेकिन फिर करीब साढ़े चार लाख लड्डू नष्ट कर दिए गए।
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उस समय शिरडी स्थित साईं बाबा के मंदिर में हर दिन करीब 50 क्विंटल प्रसाद बनता था। प्रसाद के लिए सामग्री टेंडर के जरिए खरीदी जाती थी। कुछ श्रद्धालुओं ने लड्डुओं की घटिया क्वालिटी की ओर ध्यान दिलाया और सत्यनारायण प्रसाद के लिए बनने वाले सूजी के हलवे की क्वालिटी को लेकर भी शिकायत की। शिकायतों के बाद जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सदस्यों ने भी पाया कि लड्डुओं का स्वाद खराब था। इसके बाद उन्होंने घी निर्माता और आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए।
प्रसाद की घटिया क्वालिटी को लेकर यह पहली बार शिकायत नहीं हुई है। इससे पहले 2009 में भी लड्डुओं में दुर्गंध आने का मामला सामने आया था। उस दिन बने करीब डेढ़ लाख लड्डुओं को नष्ट करवा दिया गया था, ताकि उन्हें खाकर कोई बीमार न पड़े। उस समय इन लड्डुओं को खाने वाले श्रद्धालुओं को उल्टियां होने लगी थीं। इसमें इस्तेमाल किए गए घी को लेकर भी सवाल उठे थे।
शिरडी में हर दिन साईं बाबा के दर्शन के लिए लगभग 30,000 भक्त दर्शन करने आते हैं। किसी भी खास मौके या त्योहार पर ये संख्या दोगुनी हो कर दो-तीन लाख तक भी पहुंच जाती है। शिरडी के साईं बाबा मंदिर का प्रबंधन श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट करती है।
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