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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Top Commander Of Jaish-E-Mohammed) : जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ असगर भारत के कई मामलों का गुनाहगार है। इस आतंकी का नाम एक बार फिर चर्चा में है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ में इस आतंकी को ब्लैकलिस्ट करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया लेकिन चीन के विरोध के कारण यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। हालांकि शनिवार को ड्रैगन ने अपनी सफाई में तकनीकी समस्याओं का हवाला दिया।
गौरतलब है कि असगर जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद अजहर का छोटा भाई भी है जो इस वक्त पाकिस्तान में है। लेकिन वह इस वक्त कहां है इसका पता सिर्फ पाकिस्तानी हुक्मरानों को ही है। वह 1999 में इंडियन एयरलाइन्स 814 की हाईजैकिंग के अलावा कई मामलों में भारत का गुनाहगार है।
गौरतलब है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ असगर पर इंडियन एयरलाइंस के विमान (1999) के हाईजैकिंग में शामिल होने, 2001 में भारतीय संसद पर हमला करने, भारतीय वायुसेना पर हमला करने, पठानकोट, पुलवामा और जम्मू के कई स्थानों में सुरक्षा बल के जवानों पर हमला करने जैसे कई मामलों में शामिल होने का आरोप है।
अब्दुल रऊफ असगर ने इंडियन एयरलाइंस के आईसी-814 विमान को 24 दिसंबर 1999 को नेपाल से अपहरण कर लिया था। इस विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतारने से पहले अमृतसर, लाहौर और दुबई लेकर जाया गया था। उस समय अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण था। तालिबान ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को खुलकर मदद की और सुरक्षा प्रदान किया। इस हाईजैकिंग में असगर का हाथ था। असगर ने 176 यात्रियों के साथ विमान का अपहरण अपने बड़े भाई मसूद अजहर को रिहा करवाने के लिए किया था।
13 दिसंबर 2001 को भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद पर आतंकी हमला करवाया था। इस हमले का पूरा खाका आतंकी संगठन के शीर्ष कमांडर असगर ने तैयार किया था। इस हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। जबकि सुरक्षाबलों ने सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था। आतंकियों का मकसद संसद भवन के अंदर सांसदों को निशाना बनाना था ताकि वे अपनी मांग मनवा सकें, लेकिन, वे उसमे कामयाब नहीं हो सके।
2 जनवरी साल 2016 को जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले करवाए। अचानक हुए इस हमले में सेना के 7 जवान शहीद हो गए थे। जबकि जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था। आतंकी सेना की वर्दी में प्रवेश किए जिसके कारण उनकी शीघ्र पहचान नहीं हो सकी। इस हमले के पीछे मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रहे एक बस में विस्फोट किया गया और देखते ही देखते 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस संगठन का आका असगर इस हमले का साजिशकर्ता था। गौरतलब है कि जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हमलावरों ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस में टक्कर मार दी थी। जिससे बस के परखच्चे उड़ गए और बस में सवार सभी जवान शहीद हो गए थे और पूरे देश में शोक का लहर फैल गया।
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