India News (इंडिया न्यूज़), Emergency, दिल्ली: 25 जून 1975 को देश में आपातकाल का लगाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया था। आज इमरजेंसी के 48 साल पूरे हो रहे हैं। इसी को (Emergency) देखते हुए बीजेपी पूरे उत्तर प्रदेश में इसे “काला दिवस” के रूप में मनाएगी। ये वही तारीख थी जिसे इतिहास में चाह कर भी कभी भुलाया नहीं जा सकता है। बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करके इमरजेंसी के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।
- तीन बार लगी इमरजेंसी
- वित्तीय इमरजेंसी कभी नहीं लगी
- चुनाव रद्द किया गया
आखिर इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल लगाने का फैसला क्यों किया? इस सवाल के जवाब में बता दें कि 12 जून 1975 का वो दिन था जब एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इंदिरा ने लोकसभा चुनाव में गलत तौर-तरीके अपनाए। उसके बाद वो दोषी करार दी गईं। बस क्या था इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया गया। ऐसे में बहुत लोग मानते हैं कि सत्ता जाने के डर से इंदिरा ने इमरजेंसी का ऐलान कर दिया।
पुरुष नसबंदी किया गया
नागरिकों के मौलिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया। न्यायपालिका की शक्ति को सीमित कर दिया गया। हड़तालों और आंदलनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया और विपक्षी नेताओं को जेलों में ठूंसा गया। प्रेस की स्वतंत्रता छीन ली गई। चुनाव स्थगित हो गए। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया।
तीन आपातकाल लगाए गए
आजादी के बाद से अभी तक देश में कुल तीन आपातकाल लगाए जा चुके हैं। जिसमें सबसे पहला आपातकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में लगा। ये आपातकाल लगने का कारण 1962 का युद्ध (भारत-चीन युद्ध) था। उसके बाद दूसरा आपातकाल (Emergency) पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 में लगाया गया। इसके लगने का कारण भी युद्ध ही था। (भारत-पाकिस्तान युद्ध जिसके बाद बांग्लादेश बना) व तीसरा और अंतिम आपातकाल भी तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार में ही लगा। 1975 के आंतरिक अशांति (फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा घोषित) में भारत में ऐसी आपात स्थिति घोषित की गई थी।
6 महीने लगाया जा सकता है
देश में आपातकाल कम से कम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है जबकि इसे हर 6 महीने बाद संसद की मंजूरी से आपातकाल की स्थिति को अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के लिए किया जा सकता है। जिसमें एक वर्ष सामान्य परिस्थितियों में आपातकाल और दो वर्ष असामान्य परिस्थितियों में आपातकाल की व्यवस्था की गई। इसके लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा।
सिर्फ राष्ट्रपति लगा सकते है
युद्ध, बाहरी आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह जैसी स्थिति में राष्ट्रपति अपनी शक्ति का उपयोग कर खतरे वाले स्थान या पुरे देश में आपातकाल की घोषणा कर सकता है। यह आपातकाल संसद की मंजूरी के बिना केवल 1 माह तक रह सकता है वरना इसे संसद के दो तिहाई बहुमत से पास कराना होता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने की अनुमति देता है।
वित्तीय आपातकाल कभी नहीं लगा
भारत में अभी तक वित्तीय आपातकाल नहीं लगा है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल की बात करता है। जो अभी तक किसी सरकार ने नहीं लगाया। एक समय लाल बहादुर शास्त्री की सरकार में ऐसी बातें चल रही थी, लेकिन वहां उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया और देश का आर्थिक संकट से बचाया।
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