इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। इस धमकी वाले पत्र में टीआरएफ ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा है। पत्र में टीआरएफ ने कहा है कि “वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे।”
अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू होने जा रही है और 11 अगस्त को समाप्त होगी। इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। बढ़ते श्रद्धालुओं चलते रामबन और चंदनवाड़ी में कैंप बड़े होंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे
तीर्थयात्रियों पर नज़र रखने के लिए बार-कोड सिस्टम के साथ RFID टैग और उपग्रह ट्रैकर्स का उपयोग किया जा रहा है। यात्रा के रास्तों और शिविर स्थलों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर सीआरपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियों को शामिल किया गया है।
पहले भी हुआ अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला
अमरनाथ यात्रा हमेशा से ही आतंकवादियों के निशाने पर रही है। आपको याद होगा कि साल 2000 में पहलगाम बेस कैंप में आतंकी हमले में 17 तीर्थयात्रियों समेत 25 लोगों की मौत हुई थी। जुलाई 2017 में यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में सात तीर्थयात्री मारे गए थे।
अमरनाथ यात्रा को शांति और सुरक्षित तरीके से संपन्न करवाने के लिए गृह मंत्रालय अलर्ट है और इसके लिए खास तैयारियां भी की हैं। इसमें फुलप्रूफ सुरक्षा देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आतंकी किस तरीके से खतरा पैदा कर सकते हैं। किसी भी आतंकी घटना को रोकने के सुरक्षा एजेंसियां पुख्ता इंतजाम कर रहीं हैं।
- सुरक्षाबलों की तरफ से एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है।
- यात्रा में इस्तेमाल यात्रियों और सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर RFID टैग लगाया जाएगा।
- श्रद्धालुओं को खास तरीके का बार कोड दिया जाएगा।
- बार कोड से उनकी लोकेशन के बारे में जानकारी मिलेगी।
- अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सभी अर्ध सैनिक बलों को लगाया जाएगा. सुरक्षाबलों को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (SOP) को और पुख्ता किया जाएगा।
- यात्रा के दौरान कम संख्या में काफिले में गाड़ियों को शामिल किया जाएगा।
- इस साल ज्यादा संख्या में बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को शामिल किया जाएगा।
- पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर ROP और Anti Sabotage टीम की संख्या पुख्ता होगी।
- यात्रा रूट पर IED के खतरे को देखते हुए BDT टीम की संख्या बढ़ेगी।
- इसके साथ ही BDT से जुड़े 2 दर्जन ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में आईईडी से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है. यात्रा रूट पर CCTV कैमरा और ड्रोन लगेंगे।
- CRPF की बुलेट प्रूफ एंटीमाईन व्हीकल की संख्या इस साल यात्रा रूट पर बढ़ा दी जाएगी. यात्रा रूट के ऊंचाई वाले इलाकों में स्नाइपर तैनात किए जाएंगे।
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