इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Tripura Assembly election 2023): त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से राज्य में पार्टियां जीत की रणनीति बनाने लगी है। विपक्ष का पूरा प्रयास है कि सत्ता में बैठी बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। त्रिपुरा की राजनीति में लंबे समय तक वामपंथ का दबदबा रहा है, लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी में वामपंथ को राजनीतिक गलियारों से बाहर कर दी। बीजेपी ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार करके जीत हासिल की थी।
बीजेपी ने सहयोगी आईपीएफटी के साथ कुल 44 सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी ने त्रिपुरा में 51 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 43 फीसदी वोट हासिल किए। जबकि सीपीएम ने 16 सीटों पर जीत हासिल की थी। त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी के मजबूत प्रदर्शन ने विपक्ष को भयभीत कर डाला। क्योंकि 2018 से पहले त्रिपुरा में बीजेपी के पार्टी का एक भी पार्षद नहीं था।
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के साथ लेफ्ट और कांग्रेस भी खुद को तैयार कर रहे हैं। कांग्रेस और लेफ्ट के दिग्गज नेता चुनाव में जीत की रणनीति को अंतिम रूप देने में लग गए हैं। वहीं बीजेपी को इस बात की चिंता है कि कहीं उसके हाथ से सत्ता न निकल जाए। कांग्रेस लेफ्ट के साथ मिलकर खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगी है। फिलहाल त्रिपुरा में लेफ्ट और कांग्रेस की कमान उम्रदराज नेता के हाथ में है। CPI(M) की कमान जितेंद्र चौधरी के पास है। वहीं कांग्रेस की कमान 71 साल के बिराजित सिन्हा के पास है।
चुनाव आयोग ने त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। राज्य में बीजेपी की सरकार है, जिसका कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 16 फरवरी को त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होगा। चुनाव के नतीजे 2 मार्च का आएंगे।
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