कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान शालीग्राम और तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है इस दिन चातुर्मास समाप्त होंगे और सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है, इस बार तुलसी विवाह 5 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा माता तुलसी को हरि की पटरानी कहा जाता है।
माना जाता है कि इस दिन जो पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु के अवतार शालीग्राम जी का विवाह माता तुलसी से कराता है उसके वैवाहिक जीवन में सदा खुशहाली बनी रहती है इस विवाह में कई तरह की सामग्री का उपयोग किया जाता है चलिए जानते हैं तुलसी विवाह की संपूर्ण सामग्री-
पूजा चौकी, तुलसी का पौधा, कलश, नारियल, कपूर, शालीग्राम जी, आंवला, बेर, मौसमी फल, शकरकंद, सिंघाड़ा, सीताफल, गंगाजल, अमरूद, सिंदूर, लाल चुनरी, हल्दी, वस्त्र, दीपक, धूप, फूल, चंदन, रोली।
सुहाग सामान- बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, साड़ी, बिछिया आदि।
‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’
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