संबंधित खबरें
कोर्ट में चीखते हुए Sanjay Roy ने क्यों दिखाई रुद्राक्ष की माला? जज ने गुस्से में दिखा दिया सजा का ट्रेलर, फफक पड़े पीड़िता के पिता
चाचा निकला दरिंदा…भतीजी को गंदा वीडियो दिखाकर करता था ऐसा काम, एक दिन होटल में पेट्रोल लेकर आई और…
'मेरे कार्यर्ताओं पर चढ़ा दी गाड़ी, तोड़ दी टांग', Kejriwal पर हमला करने वाले का पहला रिएक्शन, खोल दी पूर्व मुख्यमंत्री की पोल
'चप्पल, ईंट, थप्पड़ और स्याही', जानें कब-कब 'आम आदमी' के हमले के शिकार बने Arvind Kejriwal
तमिलनाडु सरकार से एनवायरनमेंट की पेंच सुलझने के बाद ही धनुषकोडी की रेल विरासत फिर से होगी बहाल
भारत ने तैयार ऐसा खतरनाक हथियार, आसमान में चुटकी में दुश्मनों को चलाएगी धूल, तकनीक देख मुंह ताकते रहे गए अमेरिका-चीन
India News (इंडिया न्यूज), Palestinian Conflict: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार (10 मई) को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनने के लिए फिलिस्तीनी प्रयास का समर्थन करते हुए इसे इसमें शामिल होने के लिए योग्य माना। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस मामले पर अनुकूल तरीके से पुनर्विचार करने की सिफारिश की। 193-सदस्यीय महासभा द्वारा किया गया वोट संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनने के लिए फ़िलिस्तीनी प्रयास के समर्थन का एक वैश्विक सर्वेक्षण था। अमेरिका द्वारा पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो करने के बाद एक ऐसा कदम जो प्रभावी रूप से एक फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा।
बता दें कि महासभा ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव अपनाया, जिसके पक्ष में 143 वोट पड़े और विरोध में नौ वोट पड़े। जिसमें अमेरिका और इजरायल भी शामिल थे, वहीं 25 देश अनुपस्थित रहे। यह फ़िलिस्तीनियों को संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता नहीं देता है, बल्कि उन्हें इसमें शामिल होने के लिए योग्य मानता है।महासभा का यह प्रस्ताव निर्धारित करता है कि फ़िलिस्तीन राज्य को सदस्यता में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही यह सिफारिश करता है कि सुरक्षा परिषद इस मामले पर अनुकूल तरीके से पुनर्विचार करे। दरअसल संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़िलिस्तीन का दबाव गाजा पट्टी में इज़रायल और हमास के बीच युद्ध के सात महीने बाद आया है। वहीं इज़रायल कब्जे वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों का विस्तार कर रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र अवैध मानता है।
बता दें कि फिलिस्तीनी संयुक्त राष्ट्र के राजदूत रियाद मंसूर ने मतदान से पहले महासभा को बताया कि हम शांति चाहते हैं, हम आजादी चाहते हैं।हां का वोट फ़िलिस्तीनी अस्तित्व के लिए एक वोट है, यह किसी राज्य के ख़िलाफ़ नहीं है। यह शांति में एक निवेश है। उन्होंने कहा कि हां में वोट करना सही बात है। जिस पर असेंबली में तालियां बजीं। वहीं मंसूर के बाद बोलने वाले संयुक्त राष्ट्र के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि जब तक आप में से बहुत से लोग यहूदी-घृणा कर रहे हैं। तब तक आपको वास्तव में परवाह नहीं है कि फिलिस्तीनी शांति-प्रेमी नहीं हैं। उन्होंने असेंबली पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर को नष्ट करने का आरोप लगाया। क्योंकि उन्होंने व्याख्यान के दौरान चार्टर की एक प्रति को नष्ट करने के लिए एक छोटे श्रेडर का इस्तेमाल किया था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.