राज्यसभा में शुक्रवार को भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने से जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इसे पेश किया और बिल को पेश करने के पक्ष में 63 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 23 वोट डाले गए बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय निरीक्षण और जांच आयोग (National Inspection & Investigation Commission) बनाया जाए।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके और तमाम विपक्षी दलों ने बिल पेश करने का जोरदार विरोध किया बिल को पेश करने का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि मुसलमान अपनी चचेरी बहन से शादी करना सही मानते हैं क्या हिंदू ऐसा कर सकते हैं इसीलिए सभी धर्मों की अलग-अलग परंपरा है।
राज्यसभा में हंगामे होने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी सदस्य को बिल पेश करने और अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाने का अधिकार है इसके लिए राज्यसभा में बहस होनी चाहिए है इस समय सरकार पर आरोप लगाना और विधेयक की आलोचना करने की कोशिश करना ठीक नहीं है वहीं सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने विधि आयोग की रिपोर्ट का हवाले देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता की कोई जरूरत नहीं है।
गुजरात चुनाव को लेकर जारी किए बीजेपी के मेनिफेस्टो में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी रिज्लट के एक दिन बाद ही राज्यसभा में यह बिल पेश कर दिया गया साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर वादा कर चुकी है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.