संबंधित खबरें
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ 'क्रूरता'
पहले सीएम पद फिर विभाग और अब…महायुति में नहीं थम रही खींचतान, जाने अब किसको लेकर आमने-सामने खड़े हुए सहयोगी
यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 3 खालिस्तानी आतंकवादियों को किया ढेर, गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से किया था हमला
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Union Budget 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज केंद्रीय बजट (Union Budget)पेश करेगी। यह उनका चौथा बजट होगा। हमेशा की तरह टैक्सपेयर्स (taxpayers) को इस बार राहत की उम्मीद है। कुछ विश्लेषक भी इस बात को मानते हैं कि करदाताओं को इस बार केंद्रीय बजट में राहत मिलेगी। हालांकि, 2014 के बाद से आयकर स्लैब में कोई चेंज नहीं की गई है। इसलिए करदाताओं को इस दफा राहत की ज्यादा उम्मीद है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार मूल छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्तमान में मूल छूट सीमा 3 लाख रुपए है। इसे इस बार के बजट में 3.5 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद है। वहीं शीर्ष आय स्लैब जो मौजूदा समय में 15 लाख रुपए है इसे भी संशोधित किए जाने की उम्मीद है।
बता दें कि निर्मला सीतारमण ने अब तक के अपने कार्यकाल में आयकर स्लैब व दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। बजट 2020 में उन्होंने एक नई टैक्स व्यवस्था जरूरी पेश की है। इसके तहत, टैक्स छूट व कटौती को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए टैक्स की दरें कम की गई हैं।
नई व्यवस्था टैक्सपेयर्स के लिए वैकल्पिक बनी हुई है। मतलब यह कि टैक्सपेयर्स पुरानी व्यवस्था से जुड़ा भी रह सकता है और नई व्यवस्था चुनने का भी उसके पास विकल्प है। वर्तमान में 2.5 लाख रुपए तक की आय दोनों व्यवस्थाओं में कराधान से मुक्त है। 2.5 से 5 लाख के बीच की आय पर पुराने व नई कर व्यवस्था के तहत 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 से धारा 80सी के अंतर्गत कटौती की सीमा में परिवर्तन नहीं हुआ है। उस दौरान बजट में 80सी कटौती की सीमा एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रपए कर दी गई थी। वहीं होम लोन पर ब्याज की कटौती की सीमा को 1.5 लाख से 2 लाख रुपए कर दी गई है। इसके बाद कोई बदलाव नहीं किया गया।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.