तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश व राजस्थान में कम हुआ है कोयला

Union Energy Minister RK Singh Says देश में बिजली संयंत्रों के समक्ष कोयला संकट गहराने की आशंका के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश व पंजाब में कोयले की कोई कमी नहीं है। तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश व राजस्थान में कोयले की कमी हुई और इस कमी के अलग-अलग कारण हैं।

आरके सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। केंद्रीय मंत्री के अनुसार तमिलनाडु आयात किए जाने वाले कोयले पर निर्भर है। हाल ही के दिनों में ऐसे कोयले के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और हमने ऐसे में तमिलनाडु से कहा है कि राज्य आयात वाले कोयले पर निर्भर है तो वे कोयला आयात करें।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने के चलते आयात बंद किया

घरेलू कोयले के उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो रही है। दूसरी तरफ बिजली की मांग बढ़ रही है जिससे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों पर उत्पादन का ज्यादा दबाव है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कोयला की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि आयात किए गए कोयले से बिजली तैयार करने वाले संयंत्रों ने आयात लगभग बंद कर दिया है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय को भी स्थिति की जानकारी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने इसी सप्ताह मंगलवार को आयात किए गए कोयला आधारित संयंत्रों की समीक्षा की थी।

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जानिए क्या कहते हैं केंद्र सरकार के आंकड़े

केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इसी माह एक अप्रैल को देश में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास उनकी कुल क्षमता 203167 मेगावाट बिजली तैयार करने के लिए 9.4 दिन का कोयला था। 12 अप्रैल को इन संयंत्रों के पास कोयले की आपूर्ति कम होकर 8.4 दिन के लिए रह गई है। नियम के अनुसार इन बिजली संयंत्रों के पास 24 दिन का स्टाक रहना जरूरी है। हालांकि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर के मुकाबले कोयला आपूर्ति के हालत अभी बेहतर है पर जिस तरह के संकेत हैं वे चिंताजनक हैं।

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