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नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार लोकसभा में सूचित किया कि देश के आगामी चुनाव में रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का उपयोग करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसे एनआरआई मतदाताओं के लिए भी प्रस्तावित नहीं किया गया है। लोकसभा में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक लिखित उत्तर में कहा कि चुनाव आयोग के अनुसार आगे होने वाले चुनावों के लिए आरवीएम को प्रस्तावित नहीं किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बीते दिनों रिमोट वोटिंग पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर प्रगति बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में यह विषय आसान नहीं है, ऐसे फैसलों पर निर्णय लेने में समय लगता है। दूरस्थ मतदान पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि पूरे दिन मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों के साथ इस पर चर्चा हुई जो काफी सफल रही।
2023 में देश के कई राज्यों में विधानसभा होने वाले हैं और 2024 में लोकसभा चुनाव भी होना है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह भी सूचित किया है कि एनआरआई मतदाताओं के उपयोग के लिए आरवीएम का कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने चुनाव आयोग और तकनीकी विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में ‘मल्टी कांस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ का एक प्रोटोटाइप तैयार किया है।
आरवीएम की शुरुआत होने से फर्जी वोट नहीं पड़ेगें। ईसीआईएल द्वारा विकसित किया गया प्रोटोटाइप ‘आरवीएम’ मौजूदा ईवीएम पर आधारित एक मजबूत प्रणाली है। इसके जरिए ‘जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950’, ‘जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951’, चुनाव आयोग के नियम सुनिश्चित करेंगे कि मतदाता की पहचान सही है या फिर गलत है।
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