Unique Story Of Ellen Sadler
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Unique Story Of Ellen Sadler कहने या सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन यह हकीकत है कि एक लड़की दस साल तक सोती रही। कहानी किसी पहले से कम नहीं है। इंग्लैंड के एक गांव की यह घटना है और कई लोग लड़की को देखने दूसरे देशों से भी आते थे और जगाते थे लेकिन वह नहीं उठी। इंग्लैंड के आक्सफोर्ड व बकिंघमशायर के बीच बसे गांव टुरविले में जन्मी एलन सैडलर (Ellen Sadler) नाम की यह लड़की 11 वर्ष की उम्र में सोने गई थी और जब वह उठी तो 21 वर्ष की हो चुकी थी। history of yesterday में यह कहानी प्रकाशित हुई है।
1871 में सैडलर भाई-बहनों के साथ रोजाना की तरह सोने गई थी
एलन सैडलर का जन्म 15 मई, 1859 को हुआ था और वह अपने माता-पिता की 10वीं संतान थी। सैडलर के माता-पिता की 12 संतानें थी। पिता विलियम सैडलर की हादसे में मौत हो गई थी और उसकी मां ऐन सैडलर ने फैक्ट्री में काम करने वाले थॉमस फ्रेवेन नाम के मजदूर के साथ शादी कर ली थी। इसके बाद 1871 में रोज की तरह सैडलर अपने भाई-बहनों के साथ सोने गई थी लेकिन अगली सुबह वह नहीं उठी। सैडलर को घरवाले उसके कान में आवाज लगाते, उसके पास चीखे-चिल्लाए व धकेला थी पर वह टस से मस नहीं हुई।
घर वालों को लगा कि लड़की की मौत हो चुकी है
सैडलर की कहानी के अनुसार जब वह कई दिन तक जगी नहीं तो घरवालों को लगा कि उसकी मौत हो गई है। पर दूसरी तरफ उसकी नब्ज चल रही थी। इसी के साथ सैडलर का शरीर भी ठंडा नहीं था। घर वालों ने लोकल डॉक्टर बुलाए पर डॉक्टर भी यह नहीं बता सके कि सैडलर को कौन सी बीमारी से ग्रस्त है। जब कहानी फैली तो कई विशेषज्ञों ने सैडलर के घर पहुंचकर उसकी जांच की। लोग दूर-दूर से लड़की को देखने पहुंचने लगे। कई तरह की अलार्म घड़ियां, लगाई गई पर सैडलर को कोई नहीं उठा पाया। लोग परिवार को पैसे भी देने लगे।
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परिवार की आर्थिक हालत नहीं थी अच्छी
एलन सैडलर (Ellen Sadler) की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। उसका परिवार गरीब था और इसी के साथ परिवार में कई सदस्य थे। एलन को देखने आने वाले लोग पैसे देने लगे तो परिवार वालों ने भी गरीबी के कारण लोगों से पैसे लेने शुरू कर दिए। इसके बाद धीरे-धीरे परिवार की आमदनी बढ़ने लगी। जब स्थानीय पुलिस को पता चला कि परिवार एलन से से पैसे बना रहा है तब जांच की। परिवार ने कहा कि वह किसी से पैसे नहीं मांगते। पुलिस के दखल के बाद मुफ़्त में परिवार लोगों को एलन से मिलने देता।
बड़ा सवाल, गहरी नींद में सोई लड़की को खाना कैसे खिलाते थे
कई माह से सोई हुई लड़की को 19वीं शताब्दी में कैसे खाना खिलाया जाता था, ये बड़ा सवाल है। एलन की मां उसे दूध, पॉरिज वाइन में चीनी मिलाकर एक छोटे से टीपॉट से खिलाती थी। एक साल बाद एलन का एक जबड़ा जाम हो गया और उसकी मां ने उसे एक टूटे दांत की मदद से खाना खिलाना शुरू किया। वर्ष 1880 में एलन की मां का देहांत हो गया। इसके नौ माह बाद सैडलर गहरी नींद से उठी। तब उसकी मानसिकता किसी 11 साल के बच्चे जैसी ही थी। से इस सच्चाई को मानने में वक़्त लगा।
शादी हुई, छह बच्चों को जन्म दिया, एलन की 1901 में मौत
एलन सैडलर (Ellen Sadler) जब सो रही थी तब उसकी वजह से परिवार को जो भी पैसे मिले वो खर्च हो चुके थे। उसे अपनी जिंदगी चलाने के लिए काम करना शुरू करना पड़ा। उसने मनके बनाना शुरू किए। कुछ साल बाद उसने एक किसान से शादी कर ली और 6 बच्चों को जन्म दिया। 1901 में एलन की मौत हो गई और उसकी मौत तक किसी को पता नहीं चला कि उसे आखिर हुआ क्या था।
नाकोर्लेप्सी नाम की बीमारी से पीड़ित थी एलन
एलन के जागने के बाद 1880 में डॉ. जेलिन्युआ ने उसकी गहरी नींद के कारण का पता लगाने की कोशिश की। उन्हें समझ आया कि एलन नाकोर्लेप्सी नाम की बीमारी से पीड़ित थी। ये एक दुर्लभ दिमागी हालत है जिसमें मरीज को स्लीप पैरालिसिस हो जाता है और वो उठ नहीं पाता। नाकोर्लेप्सी, आरेक्सिन की कमी की वजह से होता है। आरेक्सिन, ब्रेन केमिकल हाइपोक्रेटिन है जो किसी इंसान को नींद से जागने में मदद करता है। इससे कोई शारीरिक रोग नहीं होता पर इसका मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नाकोर्लेप्सी से ग्रसित मरीज कब उठेगा यह आज भी कोई नहीं बता सकता।
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