होम / मुंबई का विश्व स्तर पर परचम, यूएन ने सिटी को किया 2021 का ट्री सिटी आफ द वर्ल्ड घोषित

मुंबई का विश्व स्तर पर परचम, यूएन ने सिटी को किया 2021 का ट्री सिटी आफ द वर्ल्ड घोषित

Vir Singh • LAST UPDATED : April 13, 2022, 9:31 am IST
मुंबई का विश्व स्तर पर परचम, यूएन ने सिटी को  किया 2021 का ट्री सिटी आफ द वर्ल्ड घोषित

United Nations Announcement

इंडिया न्यूज, मुंबई :

पर्यावरण संरक्षण के मामले में भी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ने विश्व स्तर पर अपना परचम लहराया है। दरअसल, शहर सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्रों में वृक्षों के संरक्षण एवं रखरखाव में अव्वल रहा है, इसलिए इस सिटी को 2021 का ‘ट्री सिटी आफ द वर्ल्ड (tree city of the world) यानी ‘वृक्षनगरी’ घोषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र (united nations) ने यह ऐलान किया है। पिछले हफ्ते अरबोर डे फाउंडेशन के सीईओ डैन लैंब ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के उद्यान विभाग के साथ यह खुशखबरी साझा की। उन्होंने बताया कि मुंबई को 2021 का ट्री सिटी आफ द वर्ल्ड होने का सम्मान मिला है।

पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीएमसी की तारीफ की

पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे

राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने यह सम्मान मिलने के बाद बीएमसी अधिकारियों की तारीफ की है। उन्होंने महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल एवं उद्यान अधीक्षक जीतेंद्र परदेशी को अरबोर डे फाउंडेशन द्वारा प्राप्त प्रमाणपत्र की प्रति प्रदान कर उनका सम्मान किया।

उद्यान अधीक्षक जीतेंद्र परदेशी ने इस अवसर पर बताया कि मुंबई न सिर्फ पौधारोपण में आगे है, बल्कि उन्हें संरक्षित करने में भी शहर अव्वल रहा है। परदेशी ने कहा कि आवासीय क्षेत्रों से लेकर सामुदायिक वनीकरण तक में मुंबई योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ता है। इसके लिए एक वृक्ष प्राधिकरण बना गया है और इसी प्राधिकरण की देखरेख में पौधारोपण के साथ ही उनका रखरखाव होता है।

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की भी बड़ी भूमिका

United Nations Announcement

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, आरे कालोनी एवं मुंबई फिल्म सिटी की भी मुंबई को वृक्षनगरी की पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका है। इन तीनों को मिलाकर मुंबई में लगभग 110 वर्ग किलोमीटर का हरित क्षेत्र मौजूद है। मुंबई जैसे महानगर के बीच राष्ट्रीय उद्यान का होना पर्यटकों के लिए आश्चर्य का विषय होता है।

वृक्षों को काटने व छांटने के सख्त हैं नियम

मुंबई की बहुमंजिला आवासीय संस्थाओं में लगे वृक्षों को काटने या उनकी छंटाई करने संबंधी नियम काफी सख्त हैं। नियम के चलते कोई भी व्यक्ति इन वृक्षों की छंटाई करने हिम्मत नहीं कर सकता है। बरसात से पहले हर वर्ष बीएमसी का उद्यान विभाग खुद ही सभी आवासीय संस्थाओं में अपना विशेष वाहन भेजकर वृक्षों की छंटाई कराता है। बीएमसी के प्रवक्ता गणेश पुराणिक का कहना है कि कि इसी वजह से मुंबई में कोविड की लहर शुरू होने से पहले वृक्षों की आधिकारिक संख्या 30 लाख के लगभग थी। इसके बाद दो वर्ष में हुआ पौधारोपण इससे अलग है। छंटाई किए गए वृक्षों के पत्तों से खाद बनाई जाती है। मुंबई के ही उद्यानों में इसका उपयोग किया जाता है।

शवदाह के लिए फ्री दी जाती है लकड़ी

मुंबई के आवासीय एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में मौजूद लाखों वृक्षों की कटाई-छंटाई का काम हर साल बारिश से पहले कर दिया जाता है, क्योंकि यहां बरसात भी लगभग पांच माह चलती है। इस कारण वृक्ष दोबारा हरे-भरे हो जाते हैं। बरसात से पहले वृक्षों की छंटाई से निकाली गई अधिकतर लकड़ी का उपयोग मुंबई के श्मशानों में शवदाह के लिए किया जाता है।

इसका मानवीय पक्ष यह है कि ये लकड़ियां बीएमसी की ओर से मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती हैं। यही कारण है कि पिछले वर्ष कोविड के दौरान देश के अनेक हिस्सों में जहां शवों को नदियों में बहाने व गाड़ने की खबरें आती रहीं, वहीं महामारी से सर्वाधिक प्रभावित होने के बावजूद मुंबई में शवदाह सुगमता से होता रहा।

United Nations Announcement

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT