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India News (इंडिया न्यूज), UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह दावा करके उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी थी कि चुनाव बाद भाजपा मुख्यमंत्री बदल देगी। वहीं सूबे में लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली का दौरा किया। जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद से ही भाजपा में अंदरूनी कलह शुरू हो गई। हालांकि, पार्टी ने यह संदेश दिया है कि 2027 में पार्टी की कमान योगी आदित्यनाथ संभालेंगे। परंतु इसके बाद भी प्रदेश भाजपा में अंदरूनी कलह अभी खत्म नहीं हुआ है। कयास लगाया जा रहा है कि मौर्य योगी आदित्यनाथ को बदलने के लिए दिल्ली में पैरवी कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी से विधायक पल्लवी पटेल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यूपी भाजपा में मचे घमासान के बीच इस मुलाकात को कई तरह से समझा जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक मुलाकात हुई। इस बैठक का संदेश अखिलेश यादव से ज्यादा केशव प्रसाद मौर्य के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक इस बैठक के निहितार्थों की व्याख्या कर रहे हैं। पल्लवी पटेल ने 2022 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। जहां उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य को हराकर अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया।
बता दें कि, विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोग भाजपा में मोहरे बन गए हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 10 साल में उन्होंने हर व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। गरीबों को कहीं इलाज नहीं मिल रहा, उन्होंने एक भी जिला अस्पताल नहीं बनवाया। पता नहीं कितना भ्रष्टाचार है और कुछ उजागर भी हो रहा है क्योंकि कुछ लोग मोहरे बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैंने सुना है कि मौर्य जी मोहरा हैं। वे दिल्ली के वाईफाई का पासवर्ड हैं। जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव कांग्रेस के मोहरे हैं। मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव हमेशा पिछड़ों और दलितों के खिलाफ रहे हैं और वे खुद कांग्रेस पार्टी के मोहरे हैं।
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