मुख्यमंत्री मंच पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की शिरकत, बोले- सीमांत इलाकों में रहने वाले देश के प्रहरी

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : आईटीवी नेटवर्क (ITV NETWORK) ने भारतीय समाचार टेलीविजन पर एक ऐतिहासिक सीरीज मुख्यमंत्री मंच शुरू की है। अगले 20 दिन में ‘मुख्यमंत्री मंच’ प्रतिदिन देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ एक संवादात्मक साक्षात्कार (इंटरव्यू) प्रदर्शित करेगा। इसके तहत राज्य के लोगों को कैमरे और सोशल मीडिया (SOCIAL MEDIA) के जरिए अपने मुख्यमंत्री से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री युवाओं, विशेषकर फर्स्ट इन क्लास (FIRST IN CLASS) द्वारा तैयार किए गए छात्रों का मार्गदर्शन भी करेंगे। मुख्यमंत्री मंच के चौथे शो में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने शिरकत की।

चुनाव के दौरान लिए सभी संकल्पों को पूरा करेंगे

चुनाव के दौरान जनता से किए विकास के वादों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम उत्तराखंड की जनता के आभारी हैं कि उन्होंने हमें दोबारा मौका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में पुराना मिथक तोड़ते हुए प्रचंड बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी है। चुनाव के दौरान हमने जितने भी संकल्प लिए उन सही संकल्पों को हम पूरा करेंगे।

उत्तराखंड के विकास के लिए सभी जरुरी कदम उठाएंगे। उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्यों में से एक बनाना है। इस यात्रा में राज्य की 1 करोड़ 25 लाख जनता को साथ में लेकर आगे बढ़ेंगे। इसके लिए हम पलायन रोकना, होम स्टे जैसी योजना, इंनटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाना, गावों को हाइवे तक जोड़ना, अच्छे स्कूल, अच्छे अस्पताल जैसी बुनियादी चीजों पर हम काम कर रह हैं। हमने सभी विभागों को आने वाले 10 सालों का रोडमैप बनाने के निर्देश दिए हैं और उसी के हिसाब से आगे बढ़ेंगे।

पहाड़ी इलाकों में बढ़ रहा जनसंख्या घनत्व चिंता का विषय

उत्तराखंड में हो रहे पलायन पर सियाम धामी ने कहा कि राज्य के सीमांत इलाकों में रहने वाले लोग देश के प्रहरी भी हैं। मैं जब भी सीमा सुरक्षा में तैनात सैनिकों से बात करता हूं तो उन सभी से अनुरोध किया है कि सीमांत इलाकों में रहने वाले लोगों को पलायन करने से रोकना है। इसके लिए हमें उनके लिए मिलकर काम करना है। उनके रोजगार के लिए हमारी सरकार हिम प्रहरी योजना को लाने का काम भी कर रही है। अगर सीमांत इलाकों में रोजगार उपलब्ध होगा तो पलायन काम होगा।

उत्तराखंड के भौगोलिक परिस्थिति में रोजगार सृजन में होने वाली कठिनाइयों के बारे में सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड अलग अलग भौगोलिक परिस्थिति वाला प्रदेश है। मैदानी इलाकों में इंडस्ट्री की जरुरत है और पहाड़ी इलाकों में बढ़ रहा जनसंख्या घनत्व हमारे लिए चिंता का विषय है। उत्तरखंड में हमें रोजगार चाहिए, कोषागार चाहिए। उत्तराखंड का कानून और आध्यात्म में सामंजस्य बनाते हुए आगे बढ़ रहे है।

हम यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाने की तैयारी कर रहे : सीएम

यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) के बारे में सीएम ने कहा कि उत्तराखंड गंगा का प्रदेश है। यह देवों की भूमि है। यहां का धर्म, आध्यात्म, शांति बनी रहे। हमारा राज्य दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। हर परिवार से कोई न कोई सेना में या अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवाएं दे रहा है। इस राज्य में ऐसा कानून होना चाहिए जो सभी के लिए एक समान हो। चुनाव से पहले हमने राज्य की जनता से वादा किया था कि जिस दिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार शपथ ग्रहण करेगी उसके बाद सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएगी।

हम यूनिफॉर्म सिविल कोड को लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए हम विद्वानों और विशेषज्ञों को एक साथ लाकर एक कमेटी बना रहे हैं। इस कमेटी में यूनिफॉर्म सिविल कोड से प्रभावित होने लोग भी मौजूद रहेंगे। यह कमेटी जो भी ड्राफ्ट बनाएगी उसे हम राज्य में लागू करेंगे। मैं देश के अन्य राज्यों से भी उम्मीद करूंगा की वह सब भी समान नागरिकता का कानून अपने राज्य में लागू करें।

क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड को केंद्र सरकार को लागू करना चाहिए के सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि हमने यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने राज्य में अपनी चुनौतियों के हिसाब से लागू कर दिया है। हमने अपने राज्य के हित में इस कानून को लागू किया है फिर चाहे वो किसी धर्म, संपदा, समुदाय या फिर किसी विशेष वर्ग का हो, सभी के लिए एक समान है। सभी राज्यों की अपनी अपनी भौगोलिक परिस्थितियां हैं। वो अपनी परिस्थितियों के अनुरूप इस कानून को लागू करेंगे।

उत्तराखंड में उपचुनाव की तैयारियों के बारे में सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड मां पूर्णागिरि, मां शारदा, गोल्ज्यू, मां बाराही, बाबा गोरखनाथ की भूमि है। इन स्थानों पर जाना देव कृपा से कम नहीं है। मैं मन और वचन से उस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हूं। उस क्षेत्र में रोजगार सृजन या पर्यटन को बढ़ाना है। उस क्षेत्र को आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। चम्पावत और खटीमा अलग अलग नहीं हैं। खटीमा में मैं पला बड़ा हूं। मेरे लिए दोनों क्षेत्र बराबर हैं।

सीएम पुष्कर ने सीएम योगी का धन्यवाद किया

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और उत्तराखंड के बीच चल रहे संपत्ति बंटवारे के विवाद पर सीएम धामी ने कहा कि जो विवाद पिछले 21 सालों से चला आ रहा था वो विवाद मात्र 20 मिनट में सुलझ गया। इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) का धन्यवाद देना चाहूंगा। यह विवाद सिर्फ कागजों पर ही नहीं जमीनी स्तर पर भी सुलझ रहा है।

पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश से चल रहे अलकनंदा होटल की चाबी हमें मिल गई है और उत्तर प्रदेश के लिए भागीरथी पर्यटक आवास का संचालन वहां पर हो रहा है। ऐसे ही चाहे सिंचाई क्षेत्र हो, वाटर स्पोर्ट्स हो, वन विकास निगम, खाद्य विभाग, परिवहन निगम, कुछ आवास विकास की जमीनों का मामला है। कुल मिलाकर लगभग सभी मुद्दों पर हमारी सहमति बन गयी है।

चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) में गैर हिन्दुओं के सत्यापन के मामले पर सीएम धामी ने कहा कि हमने कभी किसी को यात्रा करने से नहीं रोका। उत्तराखंड में जिस तेजी से जनसंख्या का घनत्व बढ़ा है और बहुत सारे लोग अलग-अलग जगहों से आकर यहां रहने लगे हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं और वो यहां पर आकर रहने लगे हैं। तो उनके लिए यह कोई आरामगाह नहीं है। इस ड्राइव को पूरी सख्ती के साथ चलाएंगे।

बाबा केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम जोर शोर से चल रहा

उत्तराखण्ड में पर्यटन (tourism in uttarakhand) को बढ़ाने के लिए सरकार क्या काम कर रही है। इस सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि हमारा राज्य पहाड़ों से, नदियों से, जंगलो से, अच्छे-अच्छे देव स्थानों से घिरा हुआ है। इन स्थानों पर पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधाएं हों, उनके रुकने के लिए बढ़िया प्रबंध हों। ऐसी ही अनेक मुद्दों पर हम काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बाबा केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम जोर शोर से चल रहा है।

एक चरण का काम पूरा हो गया है और दूसरे चरण का काम चल रहा है। बाबा बद्रीनाथ के यहां 250 करोड़ की परियोजनाओं का काम चल रहा है। सड़कें बेहतर हो रही हैं। हवाई सेवाएं भी तेजी से आगे बढ़ रहीं हैं। पर्यटकों के लिए होम स्टे जैसी परियोजना हमारी आजीविका का आधार बनने वाली हैं। 3600 सो होम स्टे अभी रजिस्टर्ड हैं। भविष्य में हमारी योजना है कि यह संख्या लाखों तक पहुंचे।

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