India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Flood, देहरादून: उत्तराखंड में मौनसून का कहर जारी है। बादलों ने अपना रौद्र रुप से लिया है। कई स्थानों पर बादल फटने से 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य लापता हैं। आपदा की इस घड़ी में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की ओर से राज्य की सभी 40 चौकियों को अलर्ट जारी किया है। साथ ही यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली सभी चौकियों को बैकअप के तौर पर तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। देर रात जानकारी मिली कि वह स्वयं आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे हैं और वहां मौजूद आपदा सचिव को एसडीआरएफ टीमों द्वारा विभिन्न स्थानों पर किए जा रहे बचाव कार्यों की जानकारी दे रहे हैं। मिश्रा ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मलबा आने के कारण लिनचोली में मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जहां फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
सोन प्रयाग में नदी का जलस्तर बढ़ गया है, तथा नदी किनारे रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि घनसाली से आठ किलोमीटर आगे बादल फटने की सूचना मिली थी, जिसके बाद एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। यहां तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मौके पर रेस्क्यू एसडीआरएफ टीम द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ग्रामीण क्षेत्र का रास्ता बंद कर दिया गया है। लापता व्यक्तियों में से दो शव बरामद कर लिए गए हैं, तथा एक घायल व्यक्ति को एसडीआरएफ टीम द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया है।
मिश्रा ने आगे बताया कि बूढ़ा केदार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण थाती गांव में तीन मकानों में मलबा आने से लोगों को निकाला गया। एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है।
जबकि चमोली से सूचना मिली है कि बेलचोरी में एक मकान गिर गया है, जिसमें एक महिला व बच्चा लापता है। एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के चलते तथा आयुक्त गढ़वाल मंडल द्वारा चारधाम यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिए गए निर्देशों के बाद एक अगस्त (गुरुवार) को संबंधित जिले के जिलाधिकारी संबंधित जिले में पहुंच चुके तीर्थयात्रियों की आगे की यात्रा के संबंध में अपने स्तर पर निर्णय लेंगे। कल हरिद्वार व ऋषिकेश में पंजीकरण केंद्रों पर पंजीकरण प्रक्रिया स्थगित रहेगी।
केदारनाथ में भारी बारिश के कारण भीमबली में एमआरपी के पास पैदल मार्ग का 20 से 25 मीटर हिस्सा बह गया, तथा रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर आ गए हैं। करीब 200 यात्रियों को भीमबली जीएमवीएन में सुरक्षित ठहराया गया है। सेक्टर गौरीकुंड से सूचना मिली है कि नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर को खाली करा लिया गया है। सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। किसी जनहानि की सूचना नहीं है। भारी बारिश के कारण राज्य की अलकनंदा, मंदाकिनी (रुद्र प्रयाग) तथा मंदाकिनी (गौरीकुंड) नदियों का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने की आशंका है। जिला मजिस्ट्रेट धीरज सिंह गर्ब्याल तथा एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना तथा चिकित्सकों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
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