India News (इंडिया न्यूज़), Vande Bharat Train: अपनी पहली पहल में, भारतीय रेलवे ने जल्द ही लगभग 124 शहरों को जोड़ने वाली वंदे मेट्रो ट्रेनें शुरू करने का फैसला किया है। अधिकारी इस साल जुलाई में इन ट्रेनों के ट्रायल रन की योजना बना रहे हैं। परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी खबर एजेंसी को बताया कि, यह निर्णय इंट्रा-सिटी परिवहन प्रणाली को बदलने के लिए लिया गया है। वंदे मेट्रो ट्रेनें 100-250 किलोमीटर के रूट पर चलेंगी।
- जुलाई 2024 से इसका ट्रायल रन शुरू
- मेट्रो में कई नई सुविधाएं होंगी
- कुछ चिन्हित मार्गों पर भी चलेंगी वंदे मेट्रो
जुलाई 2024 से इसका ट्रायल रन शुरू
‘जुलाई 2024 से इसका ट्रायल रन शुरू करने की सभी तैयारियां चल रही हैं ताकि जल्द से जल्द लोगों को इसकी सेवाएं दी जा सकें। उच्च त्वरण और मंदी प्राप्त करने की उन्नत तकनीक के कारण, ट्रेनें कम समय में आसानी से बार-बार रुक सकती हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा यात्री ट्रेनों में चढ़ सकेंगे और इसका लाभ उठा सकेंगे।
मेट्रो में कई नई सुविधाएं होंगी
शहरवासियों की यात्रा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए वंदे मेट्रो में कई नई सुविधाएं होंगी। अधिकारी ने कहा, “हमने इन्हें इसी साल शुरू करने का लक्ष्य रखा है। अगले कुछ महीनों में इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा। इसमें कई ऐसी सुविधाएं होंगी जो वर्तमान में चल रही मेट्रो ट्रेनों में उपलब्ध नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि तस्वीरों के साथ इसके अतिरिक्त फीचर्स की जानकारी जल्द ही लोगों के लिए साझा की जाएगी।
कुछ चिन्हित मार्गों पर भी चलेंगी वंदे मेट्रो
वंदे मेट्रो ट्रेनें कुछ चिन्हित मार्गों पर भी चलेंगी। इसमें दिल्ली-रेवाड़ी, भुवनेश्वर-बालासोर, लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरूपति-चेन्नई शामिल हैं। नई एसी ट्रेनें मौजूदा ट्रैक पर चलेंगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बड़े शहरी केंद्रों और उपग्रह शहरों के बीच यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा और अनारक्षित श्रेणी में भी अधिक यात्रियों को ले जाएगा।
सुनीता केजरीवाल के प्रचार प्रसार पर बीजेपी का तंज, राबड़ी देवी से की तुलना-Indianews
कहां चलेगी पहली वंदे मेट्रो?
अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे शहर को चुनने पर चर्चा चल रही है जहां पहली वंदे मेट्रो शुरू होगी। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और जनता को तदनुसार सूचित किया जाएगा। रेलवे सूत्रों के अनुसार, नई ट्रेन में एक अद्वितीय कोच कॉन्फ़िगरेशन होगा। जिसके तहत चार कोच से एक यूनिट बनेगी और कम से कम 12 कोच से एक वंदे मेट्रो बनेगी। शुरुआत में, रेलवे कम से कम 12 वंदे मेट्रो कोच लॉन्च करेगा और रूट पर मांग के अनुसार 16 कोच तक बढ़ाएगा।
अधिकारी ने कहा, “शुरुआत में हमारे पास 12 कोच वाली मेट्रो होगी लेकिन शहर की मांग और जरूरत के आधार पर इसे 16 कोच तक बढ़ाया जा सकता है।