India News (इंडिया न्यूज़), Mukhtar Ansari: वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने फर्जी लाइसेंस मामले में मुख्तार को सजा सुनाई है। जिसमें आजीवन कारावास के साथ दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश उपाध्याय ने अपना फैसला सुनाया है।
Also Read: दिल्ली हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, इस मामले में कांग्रेस की याचिका खारिज
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुआ पेश
मामले की सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा था। हालांकि सुनवाई के दौरान इंटरनेट की परेशानी भी आ रही थी। जिसकी वजह से उसे सुनने में दिक्कत हो रही थी। उसने कहा कि मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रही आवाज रुक कर आ रही है। जिसके बाद उनके वकील आदित्य वर्मा ने अदालत से पांच मिनट का समय मांगा। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि घटना के दौरान उनकी उम्र महज 20 से 22 थी। उस समय उनके उपर कोई आपराधिक मामला भी नहीं लगा था। उनके पास कोई शस्त्र खरीदने का साक्ष्य भी नहीं मिला। ऐसे में अदालत को उन्हें इस मामले में राहत देनी चाहिए।
Also Read: पवन सिंह का यू-टर्न, लोकसभा चुनाव को लेकर कही ये बड़ी बात
कई मामलें में दोषी
वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि अब तक कई मामलों में उनका नाम आ चुका है। सात मामलों में सजा भी सुनाई जा चुकी है। जिसमें उम्रकैद भी है। इस मामले को 20 सालों से उपर तक दबाया गया। अब उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने अपन प्रभाव का इस्तेमाल किया है।
Also Read: मात्र इतने दिनों में बिक गए थे हजारों चुनावी बॉन्ड, हलफनामा दायर कर SBI ने SC को दी जानकारी