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India News (इंडिया न्यूज), Vinesh Phogat Life Struggle: भारत की स्टार महिला रेसलर विनेश फोगाट की जिंदगी आसान नहीं थी। उन्हें अपने जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ा है। विनेश को बेशक कुश्ती के जरिए स्टारडम मिली। देश और दुनिया में पहचान मिली, लेकिन उनका सफर कांटों भरा रहा है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा देने वाला है। इनका जन्म 25 अगस्त 1994 को चरखी दादरी (हरियाणा) में हुआ था। उनके पिता का नाम राजपाल फोगाट है, जबकि माता का नाम प्रेमलता फोगाट है। ये पहलवानों के परिवार से हैं और उनकी बहन प्रियंका फोगाट साथ ही चचेरी बहनें गीता फोगाट, रितु फोगाट और बबीता सभी रेसलर हैं।
विनेश और उनकी सभी बहनों को रेसलिंग के गुर महावीर फोगाट ने सिखाए थे। शुरुआती दिनों में महावीर फोगाट को लड़कियों को पहलवानी में आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीणों के भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन अंत में उनकी जीत हुई और फिर जो कुछ हुआ वो सबके सामने है। विनेश जब मात्र 9 साल की थी। तब उनके पिता की हत्या उनके घर के सामने ही गोली मारकर कर दी गई थी। विनेश के पिता की हत्या उनके परिवार के ही एक रिश्तेदार ने की थी और इसके बाद विनेश के जीवन का असली संघर्ष शुरू हुआ। जिसका उन्होंने डटकर सामना किया और अपने जीवन में सफल हुईं।
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पेरिस से जब मायूस होकर विनेश अपने गांव लौटीं थी। तब उनका खूब स्वागत किया गया। इस स्वागत समारोह के दौरान उनकी पुरानी पड़ोसन धनपति ने बताया कि विनेश के पिता उनके लिए सबकुछ थे, लेकिन उनके निधन के बाद विनेश अपने परिवार की ढाल और ताकत बन गईं। बचपन में वह अपनी मां की पशु पालने में मदद करती थीं, खेतों में काम करती थीं, यहां तक कि परिवार के अधिकारों के लिए लड़ती भी थी। मैं चाहती हूं कि, गांव की हर लड़की विनेश जैसी हो। वह सभी को अपने अधिकारों के लिए लड़ना सिखाती हैं।
कांग्रेस में शामिल होते ही पहलवान विनेश फोगाट के राजनीतिक करियर की शुरुआत हो चुकी है। वो इसमें सफल होगी या असफल, ये तो वक्त बताएगा। लेकिन इनकी खाप पंचायतों और किसानों के बीच पकड़ को देखते हुए इनकी जीत की संभावना बढ़ गई है। इससे कांग्रेस को भी फायदा होता हुआ नजर आ रहा है। पेरिस ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद विनेश ने पहलवानी से संन्यास ले लिया था। फिर इनकी राजनीति में जाने के कयास लगाए जा रहे थे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि उम्मीदों पर खड़ा उतरने की कोशिश रहेगी। कांग्रेस ने हमारे आंसुओं को समझा। बुरे टाइम में पता चलता है कि आपका कौन है। ये देश के लोगों की सेवा का मौका है। नई पारी की शुरूआत मेरे लिए गर्व की बात है। विनेश फोगाट जुलाना और बजरंग पूनिया बादली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। या फिर दोनों में से कोई एक पहलवान चुनावी मैदान में उतर सकता है।
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