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हिजाब के विरोध पर हिंसा ईरान के 80 शहरों में फैला

Umesh Kumar Sharma • LAST UPDATED : September 24, 2022, 6:23 pm IST
  •  अब तक इस हिंसा में 35 लोगों की हो चुकी है मौत

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Violence Against Hijab) : हिजाब के विरोध पर हिंसा ईरान के 80 शहरों में फैल चुका हैं। महसा अमिनी की मौत के बाद से शुरू हुआ प्रदर्शन धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया है। इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी हैं। गौरतलब है कि हिजाब नहीं पहनने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार 22 वर्षीय अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी।

इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया। ईरान के सरकारी टीवी ने भी हिंसक प्रदर्शन की पुष्टि की है। हिजाब को लेकर शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन अब पूरे देश में फैल चुका है। अमिनी की मौत के बाद देश में विरोध प्रदर्शन की कमान महिलाओं ने संभाल ली है। प्रदर्शनों में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को हटाने की मांग

विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने हिजाब को हवा में झंडे की तरह लहराया। कुछ ने अपने बाल भी कटवा लिए। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को हटाने की मांग कर रहे है। गौरतलब है कि यह विरोध प्रदर्शन वर्ष 2019 में ईंधन की कीमतों में हुई वृद्धि को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से काफी बड़ा है।

राष्ट्रपति रईसी ने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने का दिया निर्देश

दिनों दिन विरोध प्रदर्शन को उग्र होते देख ईरान के राष्ट्रपति अब्राहिम रईसी ने शनिवार को प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है। सरकारी मीडिया ने शनिवार को रईसी के हवाले से बताया कि देश की सुरक्षा से खेलने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन महिलाओं का दे रहे हैं साथ

ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं को दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है। देश में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाये जाने के खिलाफ मस्क ने अपनी स्टारलिंक सर्विस को सक्रिय करने का ऐलान किया है। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि वह ईरान में फ्री इंटरनेट सर्विस के लिए सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को सक्रिय करने जा रहे हैं। ताकि महिलाओं को उनका जीने का अधिकार मिल सकें।

अमेरिका ईरानियों के लिए इंटरनेट प्रतिबंधों में देगा ढील

वही अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान पर इंटरनेट प्रतिबंधों में ढील देगा ताकि तेहरान के विरोध प्रदर्शनों का मुकाबला किया जा सके। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है कि ईरान के लोगों को अलग-थलग और अंधेरे में न रखा जाए। सॉफ्टवेयर नियंत्रण में ढील से अमेरिकी टेक फर्मों को ईरान में अपने कारोबार का विस्तार करने की अनुमति मिलेगी।

भारतीय मुस्लिम समूहों ने जताया अपना विरोध

इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (आईएमएसडी) नामक संस्था ने युवती की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर अपनी आवाज उठाई है और इसके साथ ही वहां के प्रगति विरोधी और तानाशाही कानूनों का विरोध किया है। आईएमएसडी ने शुक्रवार को अपने में कहा कि आईएमएसडी ईरान के प्रगति विरोधी और तानाशाही कानूनों तथा नागरिकों के अधिकारों के दमन की कड़ी निंदा करता है। समूह ने कहा कि 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक में महज सिर न ढंकने के लिए किसी की हत्या कर देना एक बर्बर कृत्य बताया है।

आईएमएसडी के बयान का लगभग सौ लोगों ने किया समर्थन

आईएमएसडी के इस बयान का लगभग सौ अधिक हस्तियों ने समर्थन किया है। इनमें स्वतंत्रता सेनानी जी जी पारिख, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, जीनत शौकत अली, योगेंद्र यादव और तुषार गांधी सहित अन्य शामिल हैं। इस मामले में कहा गया कि 21 सदीं में इस तरह का मामला काफी शर्मनाक है। इससे हमें बचने की जरूरत है।

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