India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। ये बदलाव जेपीसी की सिफारिश के आधार पर किए गए हैं। इसके साथ ही सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी द्वारा सुझाए गए संशोधनों को भी स्वीकार कर लिया गया है। कल इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया जाएगा। राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो यह तय करेगा कि संपत्ति वक्फ है या नहीं। मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, यानी पुरानी तारीख से कानून लागू नहीं होगा। यह सुझाव जेडीयू ने दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। वक्फ की सूची गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर पोर्टल पर अपडेट करनी होगी। वक्फ काउंसिल में पदेन सदस्यों के अलावा दो गैर मुस्लिम सदस्य भी होंगे। वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव वक्फ बोर्ड में पदेन सदस्य होंगे।

कुछ प्रावधानों को लेकर हो सकता है विवाद

इनमें से कुछ प्रावधानों को लेकर विवाद भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, धारा 11 के तहत एक संशोधन स्वीकार किया गया है, जिसके अनुसार पदेन सदस्य – चाहे वे मुस्लिम हों या गैर-मुस्लिम – गैर-मुस्लिम सदस्यों की गिनती में शामिल नहीं किए जाएंगे। अब समिति में दो गैर-मुस्लिम सदस्य (हिंदू या अन्य धर्म के लोग) हो सकते हैं, और इनके अलावा राज्य सरकार का एक अधिकारी भी जोड़ा जाएगा। वक्फ संपत्ति दान करने के लिए इस्लाम का पालन करना साबित करना होगा।

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद धारा 14 को विधेयक में शामिल किया गया है। इस संशोधन के अनुसार, कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति तभी वक्फ कर सकेगा, जब वह कम से कम पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहा हो। इसके अलावा संपत्ति वक्फ करने में कोई धोखाधड़ी न होने का सबूत भी जरूरी होगा। वक्फ न्यायाधिकरण में अब तीन सदस्य होंगे। पहले न्यायाधिकरण में केवल दो सदस्य होते थे, लेकिन संशोधन के बाद अब इसमें तीसरा सदस्य कोई इस्लामिक विद्वान होगा। कलेक्टर की जगह जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होंगे। इससे पहले वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण और निगरानी की जिम्मेदारी कलेक्टर के पास होती थी। अब यह जिम्मेदारी किसी वरिष्ठ अधिकारी को दी जा सकती है, जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करेगी।

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आज दोपहर 12 बजे पेश होगा बजट

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है। यह विधेयक 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में आएगा। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहेगी।

संसदीय कार्य मंत्री ने क्या कहा?

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि चर्चा के लिए आठ घंटे तय किए गए हैं। इस समय को बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन सदन की सहमति से। आजतक से खास बातचीत में किरेन रिजिजू ने कहा कि अब अगर कोई वॉकआउट करके बहाना बनाना चाहता है, चर्चा से भागना चाहता है, तो हम उसे नहीं रोक सकते। उन्होंने कहा कि चर्चा होनी चाहिए, हर पक्ष को अपना पक्ष रखने और अपनी बात कहने का मौका मिलेगा।

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