India News (इंडिया न्यूज़),Bengaluru Water crisis: बेंगलुरु में बढ़ती पानी की कमी के कारण स्कूलों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। स्कूलों का कहना है कि पानी की कमी के कारण बच्चों का भीषण गर्मी से सुरक्षा देने में असमर्थ हैं। बेंगलुरु का तापमान अभी से 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।
राज्य सरकार ने क्या कहा?
शहर को अपनी दैनिक पानी की आवश्यकता में 1,500 एमएलडी या प्रति दिन मिलियन लीटर से अधिक की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो 2,600 से 2,800 एमएलडी तक है। राज्य सरकार के अनुसार, बेंगलुरु के 3,000 से अधिक बोरवेल सूख गए हैं। कर्नाटक के 236 तालुकों में से 223 सूखा के आगोश में हैं।
एक सरकारी स्कूल के बच्चे ने कहा, हमें पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है और खाने के बाद हाथ धोने के लिए भी पानी नहीं है। कोई टैंकर भी उपलब्ध नहीं हैं। संकट इतना गंभीर है कि पानी के टैंकरों को पैसे देने के बावजूद वो पानी नहीं दे पा रहे हैं। चिंतित स्थानीय लोग पहले से ही पानी के संरक्षण या पुनर्चक्रण के उपाय शुरू कर रहे हैं।
क्या है इसके पीछे की वजह
विशेषज्ञों ने बेंगलुरु में इस समस्या का कारण झीलों के विनाश को बताया है। बेंगलुरु को कभी ‘झीलों का शहर’ कहा जाता था क्योंकि इसमें 285 छोटे और बड़े जल निकाय थे जो बुनियादी जरूरतों को पूरा करते थे। ये झीलें भूजल को बनाए रखने और रिचार्ज करने, और कृषि गतिविधियों को बनाए रखती थी।
ये भी पढ़ें-
Maharashtra: नागपुर में भाजपा के कार्यक्रम में अचानक मंचा भगदड़, एक महिला की मौत