India News (इंडिया न्यूज), Wayanad Landslide: वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या 158 से अधिक हो गई है। यह आंकड़ा लगातर बढ़ता जा रहा है इस भूस्खलन को लेकर एक वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक ने मंगलवार को कहा कि, अरब सागर में तापमान बढ़ने से घने बादल बन रहे हैं, जिसके कारण केरल में कम समय में भारी बारिश हो रही है और भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है। वायनाड में भूस्खलन भी अरब सागर में तापमान बढ़ने के कारण हुआ है। इस बीच, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भूस्खलन पूर्वानुमान प्रणाली और संवेदनशील आबादी के लिए सुरक्षित आवासीय इकाइयों के निर्माण का आह्वान किया है।
अरब सागर में तापमान बढ़ने से वायनाड में भूस्खलन
बता दें कि, कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (CUSAT) में उन्नत वायुमंडलीय रडार अनुसंधान केंद्र के निदेशक एस अभिलाष ने कहा कि सक्रिय मानसून अपतटीय कम दबाव क्षेत्र के कारण वायनाड, कालीकट, कासरगोड, कन्नूर और मलप्पुरम जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण पिछले दो सप्ताह से पूरा कोंकण क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह की बारिश के बाद मिट्टी भुरभुरी हो गई है।
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निदेशक एस अभिलाष ने क्या कहा?
अभिलाष ने आगे बताया कि, सोमवार को अरब सागर में तट के पास गहरे मेसोस्केल क्लाउड सिस्टम बने और इससे वायनाड समेत कई जगहों पर बहुत भारी बारिश हुई और भूस्खलन हुआ। अभिलाष ने बताया कि बादल बहुत घने थे, बिल्कुल वैसे ही जैसे 2019 में केरल में आई बाढ़ के दौरान दिखे थे। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों को दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बहुत घने बादल बनने की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी ये सिस्टम जमीन के इलाके में घुस जाते हैं और 2019 में भी ऐसा ही हुआ था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।
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