India News (इंडिया न्यूज), WB CM Mamata Banerjee on NITI Aayog Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें विभिन्न विकास मुद्दों और नीतिगत मामलों पर चर्चा की गई। कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने बैठक में भाग नहीं लिया। जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल होने के लिए पहुंची थी। जो कि इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं। लेकिन सच ही कहा है किसी ने जहां ढ़ेर सारे बर्तन होंगे वहां आवाज तो होगी ही और कुछ ऐसा ही हुआ। ममता बैठक के बीच से भड़ककर बाहर निकलती हुई दिखी हैं। इतना ही नहीं वो सरकार पर आरोप भी लगाती हुई नजर आई हैं। ममता की मानें तो उन्हें बोलने नहीं दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक में भाग लेने और अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के सामने एक प्रस्तुति देने का निर्देश दिया गया है। बैठक का बहिष्कार करने वाले विपक्षी मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और तीनों कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों- कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुखू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी शामिल हैं, जिन्होंने नीति आयोग की अहम बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में उनके राज्य का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया। कुमार के इस अहम बैठक से अनुपस्थित रहने का कारण तत्काल पता नहीं चल सका। सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने पुडुचेरी के बजट प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री को लगा कि बैठक में शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है।
शुक्रवार को ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए लोक नीति थिंक-टैंक को खत्म कर देना चाहिए और योजना आयोग को बहाल कर देना चाहिए। दिल्ली में पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में बनर्जी ने भाजपा को “टुकड़े-टुकड़े मंच” कहा और कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी।
पड़ोसी देश बांग्लादेश में व्यापक आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि वह पड़ोसी देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों के अनुसार, यदि शरणार्थी सीमा पर आते हैं तो उनके राज्य को उन्हें शरण देनी होगी। बंजारी, जो शनिवार को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए तैयार हैं, जबकि अधिकांश भारतीय ब्लॉक के मुख्यमंत्रियों ने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया है, ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनकी आवाज एक साझा मंच पर उठाई जानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख, ने कहा कि जिनकी पार्टी इंडिया ब्लॉक का घटक है, “उन्होंने (भाजपा ने) सरकार तो बना ली है, लेकिन उनके पास जनादेश नहीं है। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है कि उन्होंने अकेले सरकार नहीं बनाई है।”
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जानकारी के लिए आपको बता दें कि नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल तो हुई। लेकिन फिर वो बेहद नाराज हो गईं। इतना ही नहीं वो मीटिंग छोड़कर बाहर निकलती हुईं वो नजर आईं। खबर हैं कि सीएम ममता ने माइक को बीच में ही बंद करने और सिर्फ 5 मिनट बोलने देने का आरोप सरकार पर लगाया है। ममता बनर्जी ने केंद्र के पर बंगाल के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि ‘मुझे सिर्फ पांच मिनट बोलने दिया। बाकी सीएम को 20 मिनट बोलने दिया गया। ये इंसल्ट है।’
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