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India News(इंडिया न्यूज),Welfare Of Widows: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने विधवाओं के कल्याण के लिए केंद्र राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अधिकारियों को सलाह जारी की है। जिसमें आयोग ने सभी सरकारी आश्रय गृहों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि विधवा महिलाएं घर के अभाव में वहां रह सकें। इसके साथ ही इस सलाह में आगे कहा गया है कि जो विधवाएं पुनर्विवाह करना चाहती हैं या कोई साथी ढूंढना चाहती हैं उन्हें उचित एजेंसियों या गैर सरकारी संगठनों से जोड़ा जाना चाहिए।
आयोग ने सलाह दी कि कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर को भोजन, आश्रय, सम्मान और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित कई कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
आयोग ने आगे कहा कि विधवाओं को जीवनसाथी की हानि सामाजिक बहिष्कार आय की हानि और यहां तक कि घर खोने जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से सभी अधिकारियों को महिला और बाल विकास मंत्रालय और सभी संबंधित राज्य विभागों की वेबसाइटों पर विधवाओं के लिए सभी सरकारी संचालित घरों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की सिफारिश की गई है।
आयोग ने जिले में विधवाओं के लिए एक समर्पित सेल बनाने की भी सलाह दी है। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी आश्रय गृह इसके साथ पंजीकृत हों। सभी विधवाओं के आधार कार्ड बनाए जाने चाहिए और उन्हें उचित पहचान पत्र दिए जाने चाहिए।
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सभी विधवाओं का प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत एक व्यक्तिगत बैंक खाता होना चाहिए। उन्हें कानूनी मदद दी जानी चाहिए और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें वित्तीय साक्षरता सहित कम से कम बुनियादी साक्षरता देने के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी) जैसे शिक्षा कार्यक्रमों में नामांकित करने का भी प्रयास किया जाना चाहिए।
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