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India News (इंडिया न्यूज), WB Govt Rejects Doctor Mass Resignation: पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार (12 अक्टूबर, 2024) को कहा कि सरकारी अस्पतालों से डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा वैध नहीं है और इसे सेवा नियमों के अनुसार व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है, जिससे कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल तथा इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीएमईआर) के डॉक्टरों में समर्थन की लहर दौड़ गई है। इन अस्पतालों के डॉक्टर भी अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, जिससे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर और दबाव बढ़ेगा।
डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय ने स्पष्ट किया कि सरकार सामूहिक इस्तीफे स्वीकार नहीं करेगी। बंद्योपाध्याय ने इस्तीफे को गलत धारणा बताते हुए कहा, “नियम पुस्तिका के अनुसार इस्तीफा कर्मचारी और नियोक्ता के बीच का व्यक्तिगत मामला है। इन सामूहिक पत्रों का कोई कानूनी महत्व नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमें विभिन्न सरकारी अस्पतालों से अलग-अलग इस्तीफा पत्र मिला है। इस बारे में सरकार का कहना है कि सामूहिक इस्तीफा कानूनी रूप से वैध नहीं हैं, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत आधार पर प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिससे गतिरोध और भी बढ़ गया।
हम आपको जानकारी देते हुए बता दें कि, इस सप्ताह की शुरुआत में आर जी कर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों के एक समूह ने अपने विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर सहयोगियों के साथ एकजुटता में सामूहिक रूप से हस्ताक्षरित “सामूहिक इस्तीफ़ा” पत्र भेजा। इसके बाद, अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा भी इसी तरह के पत्र भेजे गए। राज्य के कई सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर अपने मारे गए सहकर्मी के लिए न्याय, राज्य के स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे और कार्यस्थल की सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर हैं।
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