West Bengal SIR List: पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले SIR की लिस्ट जारी कर दी गई है. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में SIR लिस्ट जारी कर दी है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को एसआईआर 2026 के तहत पश्चिम बंगाल की मसौदा मतदाता सूची से जिन लोगों का नाम हटाया गया है, उनकी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट के अनुसार, इस लिस्ट में 58 वाख वोटर्स के नाम काट दिए गए हैं.
चुनाव आयोग की इस लिस्ट में उन वोटर्स के नाम शामिल हैं, जो 2025 में राज्य की वोटर लिस्ट में तो शामिल थे लेकिन 2026 की ड्राफ्ट लिस्ट से हटा दिए गए हैं. चुनाव आयोग ने ये लिस्ट पोर्टल लिंक ceowestbengal.wb.gov.in/asd_sir पर जारी की है. अगर किसी वोटर का नाम कट गया है और उसे इस पर आपत्ति है, तो वो इसके लिए आपत्ति दर्ज करा सकता है.
कब से कब तक दर्ज करा सकते हैं आपत्ति?
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कहा गया है कि पीड़ित व्यक्ति ड्राफ्ट लिस्ट पब्लिश होने के बाद दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक का समय दिया गया है. इस दौरान आवेदक फॉर्म 6 के साथ डिक्लेरेशन फॉर्म और सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स जमा कर सकते हैं.
किन लोगों के काटे गए नाम?
चुनाव आयोग के अनुसार, 58 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम काटे गए हैं. इनमें वे लोग शामिल हैं, जो अपने रजिस्टर्ड पते पर मौजूद नहीं थे. जो स्थायी रूप से दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं. अगर किसी के एक से ज्यादा जगहों पर वोटर लिस्ट में नाम पाए गए, उन्हें भी लिस्ट से हटा दिया गया है. इसके अलावा जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उनके नाम भी लिस्ट से हटा दिए गए हैं.
कितने वाटर्स के हटाए गए नाम?
- चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 58,20,898 नाम मसौदा सूची से हटाए गए हैं.
- सबसे ज्यादा उनके नाम हटाए गए, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. इनमें 24,16,852 नाम हैं.
- 19,88,076 लोग स्थानांरित हो चुके हैं.
- 12,20,038 लोग वे हैं, जो लापता हैं.
- इनमें से 1,38,328 नाम डुप्लीकेट थे, जिनके नाम एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र की सूची में थे.
- वहीं अन्य श्रेणी के 57,664 लोगों को हटाया गया है.
क्यों पड़ी SIR की जरूरत?
बिहार में चुनाव से पहले SIR कराया गया था, जिसको लेकर काफी हंगामा देखने को मिला था. विपक्षी दलों ने वोट चोरी का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि जान-बूझकर उनके वोटर्स को हटाया गया है. वहीं अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनाव हैं. चुनाव से पहले SIR प्रक्रिया कराई गई. इस दौरान SIR को लेकर पश्चिम बंगाल में खूब बवाल देखने को मिला. हालांकि चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए SIR किया जा रहा है.