India News(इंडिया न्यूज),West Bengal: संदेशखाली मामले में बंगाल सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। जहां पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दीदी की सरकार पर आरोप लगाया है कि, संदेशखाली पर जो कथित स्टिंग ऑपरेशन किया गया है, वह संदेशखाली की सच्चाई को दबाने का प्रयास है। इसके साथ ही मजूमदार ने वीडियो जारी करने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि संदेशखाली मामले में मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को क्लीन चिट देने के लिए यह वीडियो जारी किया गया है।
इसके साथ ही मजूमदार ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी के संदेशखाली न जाने पर भी सवाल उठाए और पूछा कि सीएम अब तक संदेशखाली क्यों नहीं गईं? मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे वहां जाएं तो हम उन्हें दिखाएंगे कि किस तरह से शाहजहां शेख के नेतृत्व में भूखंडों को मछली पालन के तालाबों में बदल दिया गया। केंद्रीय एजेंसियों ने संदेशखाली के एक घर से हथियार भी बरामद किए हैं।
मजूमदार का बयान
वहीं इस मामले में मजूमदार ने आगे कहा कि ‘यह वीडियो संदेशखाली की सच्चाई दबाने के लिए टीएमसी नेताओं द्वारा ही जारी किया गया है। इस वक्त स्टिंग ऑपरेशन क्यों किया गया, जब चुनाव चल रहे हैं? लेकिन लोगों को बेवकूफ बनाना आसान नहीं है, लोग राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं और वे सब समझते हैं कि इस वक्त वीडियो क्यों जारी किया गया है।
छिड़ा वीडियो विवाद
जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को टीएमसी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष हैं, जिन्होंने दावा किया कि पूरी साजिश के पीछे विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी का हाथ है। टीएमसी इस वीडियो को जारी कर दावा कर रही है कि संदेशखाली विवाद के पीछे भाजपा की साजिश है। हालांकि मजूमदार ने वीडियो को फर्जी बताया और कहा कि हो सकता है कि एआई तकनीक का इस्तेमाल करके यह वीडियो बनाया गया है।
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अभिषेक बनर्जी पर किया कटाक्ष
इसके साथ ही मजूमदार ने कहा कि ‘हमारे नेता गंगाधर कयाल ने कहा है कि वीडियो में जो शख्स है, वो वह नहीं हैं। जैसे ही वीडियो सामने आई, वैसे ही टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी को शाहजहां शेख को बर्खास्त करने से पहले दो बार सोचना चाहिए था। अब इस वीडियो को शाहजहां शेख को क्लीन चिट देने में इस्तेमाल किया जाएगा।’ बंगाल की बालुरघाट सीट से सांसद मजूमदार ने कहा कि 600-700 लोगों ने संदेशखाली मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। ऐसे में एक आदमी के बयान को स्वीकार किया जा रहा है और बाकी लोगों के दावों को नकार दिया गया है।