संबंधित खबरें
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
India News (इंडिया न्यूज़), Independence Day Special: देश को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सैनानियों ने अपनी जान गंवाई है। देश को आजादी दिलाने के लिए ये लोग शहीद हो गए। आजादी के अनगिनत दीवानों ने स्वतंत्रता संग्राम की बलि वेदी पर अपने प्राणों तक को न्यौछावर कर दिया है। इसके लिए कई महिलाओं का सुहाग उजड़ा। कई मां की गोद सूनी हो गई है। कई बहनों से उनके भाई की वो कलाई छिन गई जिस पर वो हर साल राखी बांधती हुई आई थीं। 15 अगस्त 1947 को आखिरकार लंबे संर्घष के बाद भारत ब्रिटिश गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुआ था। मगर देश का बंटवारा भी हो चुका था। मजहब के आधार पर बंटवारा हो चुका है। भारत से अलग होकर एक नया मुल्क पाकिस्तान बन चुका था।
भारत के दोनों तरफ पाकिस्तान पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान जो कि अब बांग्लादेश बन है। भारत के हिस्से वाले इलाकों में 500 से ज्यादा छोटी और बड़ी रियासतें थीं। कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान वाले हिस्से का भी हुआ करता था। नए-नए आजाद हुए देश के लिए इन देसी रियासतों का विलय एक सबसे बड़ी चुनौती थी। कुछ रियासतें ऐसी भी थीं जहां शासक मुस्लिम था मगर ज्यादातर आबादी हिंदू और वहां के शासक पाकिस्तान में विलय चाहते थे। जम्मू-कश्मीर का मसला इससे उलट था। ज्यादातर आबादी मुस्लिम मगर महाराजा हिंदू। शुरुआत में महाराजा विलय के पक्ष में नहीं थे। क्योंकि वह चाहते थे कि जम्मू और कश्मीर एक अलग देश बने।
तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू सरकार और खासकर तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इन रियासतों का विलय कराया। मान-मनौव्वल, समझा-बुझाकर और जरूरत पड़ने पर सख्ती दिखाकर उन्होंने विलय करा लिया। तिनका-तिनका जोड़कर जैसे चिड़ियां अपना घोंसला बनाती हैं। ठीक वैसे ही एक-एक सियासत जोड़कर आधुनिक भारत की नींव रखी गई। आइए एक नजर डालते हैं कश्मीर पर जो रियासतों के भारत में विलय पर था।
अगर देसी रियासतों के विलय की बात की जाए तो जम्मू-कश्मीर के विलय की कहानी के बिना ये अधूरी मानी जाएगी। इस रियासत के शासक महाराजा हरि सिंह थे। आजादी के समय में वह ये तय ही नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें क्या करना चाहिए। महाराजा हरि सिंह के सामने भी भारत या पाकिस्तान में विलय का विकल्प था। भारत के साथ विलय को लेकर उनकी बातचीत चल रही थी, मगर महाराजा असमंजस में थे।
बता दें कि वह जम्मू और कश्मीर को स्वतंत्र देश के रूप में देखना चाहते थे। इसी बीच पाकिस्तान ने अक्टूबर 1947 में कबाइली लड़ाकों से जम्मू और कश्मीर पर हमला करा दिया था। पाकिस्तानी फौज भी हमले में शामिल रही। इस पाकिस्तानी हमले से महाराजा हरि सिंह के हाथ-पांव फूल गए। महाराजा ने तत्काल भारत से मदद की भीख मांगी थी। महाराजा हरि सिंह ने 27 अक्टूबर 1947 को जम्मू और कश्मीर के भारत में बिना शर्त विलय के समझौते पर दस्तखत किए। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तानी फौज तथा कबाइली लड़ाकों को खदेड़ना शुरू कर दिया था। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में उसी बीच भारत ने संघर्ष-विराम का ऐलान कर दिया था। जिस कारण जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया था।
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.