India News (इंडिया न्यूज़), Ravindra Singh Bhati: द्वंद्व कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए। तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए। दोनों तरफ लिखा हो भारत, सिक्का वहीं उछाला जाए। कविता की ये पंक्तियां राजस्थान के 26 साल के एक युवक पर सटीक बैठती हैं। उस युवक का नाम है रविंद्र सिंह भाटी। भाटी राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं और अब लोकसभा चुनाव में सिक्का जमा रहे हैं। भाटी ने अपने राजनीति की शुरुआत छात्रसंघ से की थी। रविंद्र को उनके खास लोग रावसा कहते हैं। छात्रसंघ के दिनों में भाटी ने भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘दिखाओं अईयारा कि कोई पद रा या कोई पार्टी रा गुलाम कोनी हा, राजपूत हा, एक तरफ छाती ठोकां।’ इस भाषण पर आजकल इंटरनेट पर खूब रील बन रहे हैं।
बाड़मेर लोकसभा सीट से चुनावी ताल ठोक कर भाटी ने भाजपा के मंत्री कैलाश चौधरी को चुनौती दी है। आपको बता दें नामांकन के दौरान उन्हें सुनने और देखने हज़ारों की भीड़ उमड़ती है। उनके समर्थन में हज़ारों लोग जब सड़कों पर उतर आए तो इसकी तस्वीरें और वीडियो समाचार चैनलों पर चलीं तो इस लोकसभा चुनाव का सबसे चर्चित चेहरा भाटी बन गए हैं। अब लोग जानना चाहते हैं कि इस युवा में ऐसी क्या खास बात है जो इतने लोगों का समर्थन मिल रहा है और साथ ही भाजपा और कांग्रेस की नींद उड़ा रखी है?
भाटी बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा के दूधोड़ा गांव के रहने वाले, इनके पिता एक शिक्षक हैं। रविंद्र एक सामान्य परिवार से आते हैं। इनके परिवार का राजनीति से कोई कनेक्शन नहीं है। शुरुआती पढ़ाई रविंद्र ने गांव के ही सरकारी स्कूल में पूरी की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई बाड़मेर जिले से पूरी की, फिर वे नारायण व्यास यूनिवर्सिटी में आगे की शिक्षा पूरी करने निकल पड़े और यहीं से शुरू होती है उनके छात्र राजनीति की। भाटी शुरुआती दिनों में ABVP के कार्यकर्ता थे, इसी दैरान उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की।
साल 2019 में भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए ABVP से टिकट की दावेदारी ठोकी लेकिन ABVP ने भाटी को टिकट न देकर किसी और को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज़ होकर भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। रविंद्र, यूनिवर्सिटीके 57 साल के इतिहास में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले पहले छात्र नेता बन गए।
ABVP से बगावत करने के बाद ही भाटी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, “इन लोगों को दिखा दो कि कोई पद या पार्टी के गुलाम नहीं हैं, राजपूत हैं।” इसके बाद भाटी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रविंद्र छात्रों की आवाज़ बन गए, समय-समय पर आंदोलन किया, थाने का भी घेराव किया यहां तक कि विधानसभा का भी घेराव किया। छात्रों को भाटी में अपना नेता दिखाई देने लगा, जो उनकी आवाज़ को सदन में उठाने की हिम्मत रखता है। समय बदलता रहा और ये सिलसिला आगे बढ़ता रहा।
2023 में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने थे, भाटी ने शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायकी का चुनाव लड़ने की सोची और टिकट मिलने की आस में उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया। उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो भाजपा ने स्वरूप सिंह खारा को अपना उम्मीदवार बना दिया और भाटी का टिकट कट गया। पहले की ही तरह इस बार भी रविंद्र बगावत कर गए(भाजपा से) और अकेले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में कूद पड़े। चुवाव के परिणाम आए और भाटी ने इतिहास रच दिया। रविंद्र विधानसभा पहुंच गए। आपको बता दें स्वरूप सिंह खारा की तो ज़मानत ही ज़ब्त हो गई थी।
अब साल 2024 आ गया, रविंद्र के विधायक बनने के कुछ ही महीमों बाद लोक सभा चुनाव का बिगुल बज जाता है। इस बार फिर भाटी ने चुनाव लड़ने का मन बनाया है. बाड़मेर-जैसलमेर सीट से। 4 अप्रैल 2024 को रविंद्र ने नामांकन भरा और उसी दौरान हज़ारों की संख्या में लोग पहुंच गए। जब इसकी तस्वीरें समाचार चैनलों पर चलीं तो रविंद्र चर्चा में आ गए। बाड़मेर जिले से नामांकन भरने के बाद सबसे ज़्यादा मुश्किलें भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी के लिए हैं।
India News (इंडिया न्यूज),Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल न होने…
India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…
India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…
India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…
India News (इंडिया न्यूज),MP News: MP के CM डॉ. मोहन यादव रविवार (22 दिसंबर) को…