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कौन है संजीव मुखिया? जानें इसके पास सबसे पहले कैसे पहुंचा नीट का पेपर

BY: Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 22, 2024, 3:31 pm IST
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कौन है संजीव मुखिया? जानें इसके पास सबसे पहले कैसे पहुंचा नीट का पेपर

India News (इंडिया न्यूज), NEET Paper Leak: मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए एनटीए द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच जोर पकड़ती जा रही है। पटना पुलिस और आर्थिक अपर पदाधिकारी की जांच में नए चेहरे सामने आ रहे हैं। सिकंदर, अमित, अनुराग, अंशुल और अतुल के बाद संजीव मुखिया का नाम सामने आया है। नालंदा निवासी संजीव मुखिया को बिहार में पेपर लीक कांड का सरगना बताया जा रहा है। संजीव मुखिया बीएससी शिक्षक भर्ती पेपर लीक कांड में जेल जा चुका है और उसका बेटा डॉ शिव कुमार अभी भी इसी मामले में जेल में है। बता दें कि शिव कुमार ने पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई और पटना पुलिस छापेमारी कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीट परीक्षा का प्रश्नपत्र नालंदा के नगरनौसा गांव निवासी संजीव मुखिया के पास पहुंचा था। उसने सिकंदर यादव समेत अन्य को पेपर मुहैया कराया था। इसके बाद 4 और 5 मई की रात पटना के खेमनी चक स्थित प्ले एंड लर्न स्कूल के हॉस्टल में नीट परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र के उत्तर याद कराए गए। संजीव मुखिया का रवि अत्री गिरोह से सीधा संबंध है।

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मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि संजीव मुखिया को नीट परीक्षा का प्रश्नपत्र एक प्रोफेसर ने मुहैया कराया था। प्रोफेसर ने मोबाइल के जरिए संजीव को प्रश्नपत्र भेजा। छात्रों से यह डील 40 लाख प्रति छात्र के हिसाब से हुई थी। इसमें 30 से 32 लाख रुपये ऊपर भेजे जाने थे जबकि आठ लाख रुपये सिकंदर, नीतीश और अमित जैसे बिचौलियों ने रखे थे जिन्होंने बीच में सेटिंग की थी।

जानकारी के मुताबिक पूरी प्लानिंग संजीव मुखिया ने की थी। उसने इसके लिए अपने करीबी प्रभात रंजन का मकान किराए पर लिया था, जिसमें स्कूल चलता है। प्रभात रंजन दनियावां प्रखंड के प्रमुख रह चुके हैं, जिनकी पत्नी प्रमुख थीं। अर्थ अपर पदाधिकारी ने उनसे पूछताछ भी की है। नीट पेपर लीक मामले में फरार चल रहे संजीव मुखिया का उपनाम लूटन मुखिया भी है। वह नालंदा के नूरसराय बागवानी महाविद्यालय में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात थे। नौकरी छोड़ने के बाद वह राजनीति में आए और अपने पंचायत के मुखिया बन गए।

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2016 में सबसे पहले उनका नाम सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में आया था, बाद में बीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा। उनके गांव वालों का कहना है कि संजीव मुखिया की पत्नी ममता कुमारी भी लोजपा के टिकट पर हरनौत विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। धीरे-धीरे परीक्षा के पेपर लिखना उनका पारिवारिक व्यवसाय बन गया, जिसमें उनके बेटे भी शामिल हैं। फिलहाल संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव बीएससी पेपर लीक के आरोप में जेल में हैं।

पेपर लीक में संजीव मुखिया का बड़ा नेटवर्क है। कहा जा रहा है कि वह देशभर में परीक्षा के प्रश्न लीक करने में लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक में भी संजय मुखिया पर संदेह है। पटना पुलिस और जांच एजेंसी उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। लेकिन पैसे और राजनीतिक संबंधों के बल पर वह अभी भी पकड़ से बाहर है।

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