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India News (इंडिया न्यूज़),Ayodhya MP Awadhesh Prasad: अयोध्या से उनके प्यार का पैगाम लेकर आए हैं हम…अखिलेश यादव ने लोकसभा में अपने भाषण में एक बार फिर रामनगरी का जिक्र किया और अयोध्या सीट से जीते अवधेश प्रसाद को अपने बगल में बैठाया। उनसे पहले राहुल गांधी ने भी सोमवार को अपने भाषण में अयोध्या से संदेश की बात कही थी और यह कहते हुए अवधेश कुमार से हाथ मिलाया था। इतना ही नहीं संसद की कार्यवाही के दौरान अवधेश कुमार अक्सर सपा नेता अखिलेश यादव या नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के इर्द-गिर्द ही रहते हैं।
अखिलेश यादव हमेशा उनका परिचय यह कहकर कराते हैं- यह अयोध्या से जीते अवधेश कुमार हैं। अवधेश प्रसाद पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव की यह मेहरबानी अनायास नहीं है। इसके पीछे एक रणनीति है। विपक्षी सूत्रों का कहना है कि अवधेश प्रसाद को आगे रखकर भाजपा की अयोध्या की दुखती रग को बार-बार छूने की योजना है। इसके अलावा अवधेश प्रसाद को लेकर एक योजना पर काम हो रहा है, ताकि पूरे कार्यकाल के दौरान भाजपा को बैकफुट पर रखा जा सके। दरअसल, विपक्ष चाहता है कि अवधेश प्रसाद को लोकसभा का उपाध्यक्ष बनाया जाए। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा है और इस बारे में राजनाथ सिंह से भी बात की गई है।
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दूसरी ओर, सरकार ऐसी स्थिति से बचना चाहती है और स्पीकर का पद एक बार फिर खाली रखा जा सकता है। दूसरी ओर, विपक्ष चाहता है कि डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव हो और वह अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाए। अवधेश प्रसाद को लेकर विपक्ष की रणनीति अवधेश प्रसाद को उम्मीदवार बनाकर एक साथ कई नैरेटिव सेट करने की है। एक तो यह कि अवधेश प्रसाद दलित समुदाय के पासी समुदाय से आते हैं। अगर भाजपा उनका विरोध करती है तो यह संदेश दिया जाए कि यह सरकार दलित विरोधी है। इसके अलावा उन्हें मौका देकर अयोध्या का नैरेटिव भी सेट किया जाए कि भाजपा उन जगहों से हार चुकी है जहां से वह राम मंदिर का मुद्दा उठाती रही है और उसे इस बार का दर्द अभी भी महसूस हो रहा है।
अवधेश प्रसाद को लेकर विपक्ष उत्साहित है क्योंकि उनके नाम पर वह हिंदुत्व की पूरी राजनीति को खारिज करना चाहता है। इसके अलावा अवधेश प्रसाद ऐसा नाम है जिस पर पूरा विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी उन्हें साथ लेकर चल रहे हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी भी अवधेश प्रसाद के नाम पर सहमत हैं। अन्य दलों को भी कोई दिक्कत नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी सांसद अक्सर सदन में जय अवधेश के नारे लगाते हैं। गौरतलब है कि अवधेश का मतलब अयोध्या या अवध के राजा से है।
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