संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज़), West Bengal, कोलकाता: बंगाल में पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा हुई। पूरे पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को कुल 16 लोगों की मौत हो गई। जिस बंगाल में विधानसभा चुनाव 8 चरणों में हुआ था वहां पंचायत चुनाव एक चरण में करवाना का फैसला राज्य चुनाव आयोग ने लिया। कलकत्ता हाईकोर्ट के बार-बार कहने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया गय। 8 जून को राज्य के पंचायत चुनाव में हिंसा हुई तो लोगों ने पूछना शुरू किया की केंद्रीय बल क्या कर रहे थे?
इस सवाल का जवाब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीआईजी एसएस गुलेरिया ने दिया। उन्होंने हिंसा के लिए राज्य चुनाव आयोग और ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हमने संवेदनशील मतदान केंद्रों की जानकारी के संबंध में पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखे थे, लेकिन 7 जून को पश्चिम बंगाल सरकार ने केवल संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या बताई और उसके स्थान या अन्य विवरण प्रदान नहीं किए। सीएपीएफ के 59,000 जवानों और 25 राज्यों के राज्य सशस्त्र पुलिस का सुरक्षा के लिए पर्याप्त इस्तेमाल नहीं किया गया।
डीआइजी गुलेरिया ने कहा कि राज्य ने केवल 4834 संवेदनशील बूथ घोषित किए हैं, जिन पर केवल सीएपीएफ तैनात हैं। लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक थी। राज्य में चुनाव के दौरान मतपेटियों में तोड़फोड़ की गई, उन्हें जलाया गया, बम हमले और देसी कट्टे से इस्तेमाल कर जमकर हिंसा की गई।
राज्य चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल राज्य में 3317 ग्राम पंचायतों, 341 पंचायत समितियों और 20 जिला परिषदों के लिए चुनाव कराने के लिए कुल 61,636 मतदान केंद्र स्थापित किए थे। चुनावों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य राज्य पुलिस बलों के 59,000 कर्मियों को राज्य भर में मतदान केंद्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी 4834 संवेदनशील बूथ पर केवल सीएपीएफ तैनात थे।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.