संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
INDIA NEWS (DELHI): गृह मंत्री अमित शाह की हिदायत के बावजूद भी कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद खत्म नहीं हो रहा है। 27 दिसम्बर दिन मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में राज्य के CM शिंदे ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि ” कर्नाटक से इंच – इंच जमीन वापस लेंगे। ”
उधर, कर्नाटक के मुखयमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी जवाब देते हुए कहा की ” एक भी इंच जमीन नहीं देंगे।” दोनों राज्यों के बीच लगभग एक महीने से सीमा विवाद जारी है। साल 1957 से ही कर्नाटक-महाराष्ट्र के सीमा विवाद का मसला चल रहा है। मसला अब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
सीमा विवाद का मसला कर्नाटक-महाराष्ट्र के अलावा भी बहुत सारे राज्य में चल रहा हैं। जहां सीमा को लेकर विवाद है।साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से अलग कर दिया गया। आइए हम आपको बताते है कि राज्यों के बीच सीमा बंटवारा कैसे होता है ?
1948 में बना एसके धर समिति में कहा गया की ” राज्यों का वितरण प्रशासनिक आधार पर किया जाए।” इस समिति का गठन उस समय के संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने किया था। लेकिन इस समिति का रिपोर्ट नहीं माना गया।
कांग्रेस के नेता सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरु ने कहा कि राज्यों का पुनर्गठन भाषाई आधार पर नहीं किया जाए। इसके विरोध में महाराष्ट्र में कई जगहों पर हिंसा हुआ , साथ ही आंध्र में इसका तेजी से विरोध हुआ।
राज्य पुनर्गठन आयोग- फजल अली की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया गया। इस आयोग ने अपनी बात में कहा कि ” वितीय, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं प्रशासनिक जरूरतों के साथ ही साथ पंचवर्षीय योजनाओं की सफलता को ध्यान में रखते हुए राज्य बनाए जायेगा। ”
1. राज्यों के बीच सीमा का बंटवारा भौगोलिक निकटता के आधार पर किया जाता है। केंद्र निश्चित करता है कि दोनों राज्यों के बीच की भौगोलिक सीमा कैसी है? उत्तराखंड-उत्तर- प्रदेश, मध्य- प्रदेश-छत्तीसगढ और बिहार-झारखंड के बीच सीमा का बंटवारा भौगोलिक निकटता के आधार पर किया गया है।
2. 1953 में पी श्रीरामुलु ने अलग तेलुगू राज्य की मांग करने लगे और आमरण अनशन शुरू कर दिया। यह अनशन 56 दिनों तक ही चला इसके बाद अचानक से श्रीरामुलु की मौत हो गई, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने आंध्र को भाषाई आधार पर अलग राज्य बनाने की घोषणा कर दी। आंध्र -प्रदेश , मद्रास प्रेसिडेंसी से अलग होकर नया राज्य बन गया। इसके बाद हरियाणा-पंजाब और महाराष्ट्र-गुजरात का भी बंटवारा कर दिया गया।
3. गांवों के तत्व के आधार पर भी सीमा का बंटवारा किया जाता है। इसमें गांव के आर्थिक, भौगोलिक और सामाजिक रचना को देखी जाती है। इस पर अंतिम फैसला केंद्र ही लेता है।
4. राज्यों के बीच सीमा बंटवारे का एक महत्वपूर्ण तत्व लोगों की इच्छा भी है। हाल ही में लोगों की इच्छा के आधार पर लद्दाख और तेलंगाना का बंटवारा किया गया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.