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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Winter Session राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसद का सत्र कल से शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि इस बार का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है।
विपक्षी दलों के नेता संसद सत्र शुरू होने से एक घंटे पहले कल संसद में बैठक करेंगे। तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार की विफलता और बढ़ती महंगाई के मुद्दे उठाने की रणनीति पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता व सांसद ने कहा, हमारी रणनीति पूरे विपक्ष और समान विचारधारा वाले दलों द्वारा संसद में एक आवाज में बोलना है और आम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाना है।
विपक्ष के एक नेता व राज्यसभा सांसद ने कहा, हम कृषि कानूनों को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन हम विपक्षी नेता सरकार पर कृषि कानूनों को निरस्त करने के विधेयक 2021 पर चर्चा करने के लिए दबाव डालने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा चीनी आक्रामकता, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी और लखीमपुर खीरी की घटना पर भी विपक्ष चर्चा करना चाहता है।
किसान संगठनों ने सोमवार को जो ट्रैक्टर मार्च की घोषणा की थी, उसे फिलहाल स्थगित कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चे (एसकेएस) की कल हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मोर्चा की तरफ से 29 नवंबर को होने वाला संसद तक का ट्रैक्टर मार्च स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि चार दिसंबर को मोर्चा की दोबारा बैठक होगी और इस दौरान केंद्र सरकार के रूख की समीक्षा की जाएगी। बैठक में ही किसान घर लौटने का निर्णय लेंगे। चार दिसंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए किसान नेताओं कहा, यदि सरकार ने मांगें पूरी कर दीं तो किसान घर चले जाएंगे।
उन्होंने कहा, मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन ऐसे ही चलेगा। किसान नेता ने कहा कि मोर्चा देखना चाहता है कि केंद्र सरकार अपना किया गया वादा संसद में पूरा करती है या नहीं। एसकेएम के एक नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे को विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश देना चाहिए।
संसद कूच के स्थगन के बाद दिल्ली पुलिस ने ली राहत की सांस (Winter Session)
दरअसल सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है जो 23 दिसंबर तक चलेगा। दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती आंदोलनकारियों का ट्रैक्टर मार्च को रोकना था।
(Winter Session) इससे पहले प्रदर्शनकारी सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को दिल्ली में प्रवेश करने की जिद पर अड़े थे। किसान नेताओं का कहना था कि सोमवार दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे 500 आंदोलनकारी 30 ट्रैक्टरों से संसद भवन जाएंगे। हालांकि ट्रैक्टर मार्च स्थगित होने से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
(Winter Session)
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