Armed Forces Flag Day: सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बहादुर सैनिकों को याद किया है. PM मोदी ने कहा कि वह उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हैं जो अटूट साहस के साथ हमारे देश की रक्षा करते है. उनका अनुशासन, दृढ़ संकल्प और जज़्बा हमारे लोगों की रक्षा करता है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारे सैनिकों का संकल्प हमारे देश को मज़बूत बनाता है. उनकी प्रतिबद्धता हमारे राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का एक शक्तिशाली उदाहरण है. आइए हम सभी सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में योगदान दें.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है?
इस दिन को मनाने का कारण शहीद सैनिकों को याद करना और सशस्त्र बलों के लिए फंड इकट्ठा करना है. इसे मनाने का एक और कारण सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रतीकात्मक छोटे झंडे बांटे जाते हैं, जिसके बदले में देश के नागरिक दान करते है. यह देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का भी एक शानदार तरीका है.
On Armed Forces Flag Day, we express our deepest gratitude to the brave men and women who protect our nation with unwavering courage. Their discipline, resolve and spirit shield our people and strengthen our nation. Their commitment stands as a powerful example of duty,… pic.twitter.com/94XWoCo1rU
— Narendra Modi (@narendramodi) December 7, 2025
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास क्या है?
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास काफी पुराना है. आज़ादी के बाद सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवारों और शारीरिक रूप से अक्षम सैनिकों के लिए फंड इकट्ठा करना शुरू किया है. इस पहल के तहत 28 अगस्त, 1949 को तत्कालीन रक्षा मंत्री बलदेव सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. यह समिति रक्षा कर्मियों के कल्याण को ध्यान में रखकर बनाई गई थी.