संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज़), World White Cane Day 2023: अक्टूबर में दुनिया भर के अलग अलग देशो में कुछ न कुछ मनाया जाता है। अगर बात करे भारत कि तो भारत में नव रात्रि दशहरा दिवाली जैसे त्योहार,मनाये जाते है लेकिन अक्टूबर 15 को नेत्रहीन या दृष्टिबाधित लोगों के लिए सफेद वेद की तरह मनाया जाता है। इस दिन को ऐसे लोगों की उपलब्धियों के लिए जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह होता है। नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों की चुनौतियों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलती है। इस अभियान को चलाने का मुख्य मकसद पूरी दुनिया में इस विषय को परिचित कराना है। देश का कानून सफेद बेंत यात्रियों की अधिकारों की रक्षा करता है।
दरअसल बात है साल 1931 के दौरान फ़्रांस में गुइली डी’हर्बॉन्थ के द्वारा नेत्रहीन लोगों के हित में एक राष्ट्रीय श्वेत छड़ी आंदोलन की शुरुआत की गई थी, लेकिन इसका मकसद ये था कि जो दुनिया देख नहीं सकते उनके लिए कोई एक दिन जश्न की तरह मनाया जाये। इसकी शुरुआत होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने पहली बार इस उद्घोषणा को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद ही नेशनल फेडरेशन ऑफ़ द ब्लाइंड के आग्रह पर संयुक्त राज्य कांग्रेस ने साल 1964 में हर साल 15 अक्टूबर को व्हाइट केन सेफ्टी डे मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों की परेशानी से अवगत करवाना है। जो किसी तरह अपनी ज़िंदगी गुजर बसर कर रहे है जो हर शर्त पर अपनी ज़िंदगी जीते है और साथ ही अपने दैनिक कार्यों को करते हैं। आज यदि हमारे देश की बात करें 13 करोड़ भारतीय नहीं कर सकते नजदीकी चीजों पर फोकस,और लगभग भारत में 70% नेत्रहीन ऐसे है जिनकी उम्र 50 से अधिक है, इन आंकड़ों की पुष्टि इंडिया न्यूज़ नहीं करता है साथ ही ये आंकड़े 2020 के हैं।
किसी भी दिन या त्यौहार का जश्न मानाने से पहले हम लोग आस पास और समुदायों में जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम का संचालन कर सकते है जिससे उस दिन के बारे में उस दिन के महत्त्व को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक अपनी बात को पहुंचा सके, वही अगर आज के डिजिटल जमाने में सोशल मीडिया के जरिये भी ट्रेंडिंग हैसटैग का इस्तेमाल करके लोगो में इसके लिए जागरूकता का एक माध्यम बन सकते है, वही इसके अलावा उन सभी एक्टिविटी या सभाओ का हिस्सा बन सकते है जिससे नेत्रहीन या दृष्टिबाधित व्यक्तियों को लााभ मिल सके और जो मुख्य रुप से नेत्रहीन लोगों के उपचार और नेत्रदान के महत्व से संबंधित हो।
ये भी पढ़े:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.