Live
Search
Home > देश > Year Ender 2025: वंदे भारत के विस्तार से हाइड्रोजन ट्रेनों तक, भारतीय रेलवे के लिए कितना खास रहा साल 2025

Year Ender 2025: वंदे भारत के विस्तार से हाइड्रोजन ट्रेनों तक, भारतीय रेलवे के लिए कितना खास रहा साल 2025

Year Ender 2025: भारतीय रेलवे के लिए बड़े बदलावों और ऐतिहासिक उपलब्धियों का साल रहा. इस दौरान वंदे भारत ट्रेनों के नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ.

Written By: Divyanshi Singh
Last Updated: December 30, 2025 16:05:49 IST

Year Ender 2025: इंडियन रेलवे ने 2025 में कई बड़े ऐलान किए और कई स्ट्रक्चरल बदलाव किए जो इसके मॉडर्न इतिहास के सबसे बड़े बदलावों में से एक था. इन कदमों में टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी, पैसेंजर कम्फर्ट, सेफ्टी और नेटवर्क बढ़ाना शामिल था जो रेलवे के वर्ल्ड-क्लास, डिजिटली इनेबल्ड, इनक्लूसिव और फ्यूचर-रेडी ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनने की कोशिश को दिखाता है.

वंदे भारत और हाई-स्पीड ट्रेनों का विस्तार

रेलवे ने 2025 में अपने वंदे भारत एक्सप्रेस नेटवर्क को तेज़ी से बढ़ाया, जिसमें वंदे भारत 4.0 जैसे बेहतर वर्शन के प्लान शामिल थे, जिनका मकसद बड़े रूट पर स्पीड और कम्फर्ट में ऊंचे बेंचमार्क सेट करना था. एडवांस्ड सेमी-हाई-स्पीड सर्विस शुरू की गईं, जबकि अपग्रेडेड ट्रेनसेट के लिए पायलट प्रोजेक्ट जारी रहे, जिससे भारत की तेज़ और ज़्यादा एफिशिएंट इंटरसिटी मोबिलिटी की तरफ कोशिश को और मज़बूती मिली.

 टेक्नोलॉजी और सेफ्टी में बड़े बदलाव

साल के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर और सेफ्टी में कई अपग्रेड किए गए. इनमें सेफ्टी को बेहतर बनाने और देरी को कम करने के लिए सौ साल पुराने ट्रेन कंट्रोल सिस्टम को मॉडर्नाइज़ करना, कवच ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम को डिप्लॉय करना और रेल मंत्रालय द्वारा घोषित बड़े सेफ्टी सुधारों के तहत बिना आदमी वाले लेवल क्रॉसिंग को खत्म करना शामिल था.

ब्रॉड-गेज नेटवर्क का लगभग पूरा इलेक्ट्रिफिकेशन एक और बड़ा माइलस्टोन था, जिससे इंडियन रेलवे अपने साफ और तेज ऑपरेशन के लक्ष्य के करीब आ गया.

सस्टेनेबिलिटी माइलस्टोन: हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन

ग्रीन ट्रांसपोर्ट की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, इंडियन रेलवे ने अपना पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रेनसेट बनाना पूरा किया, जिसे देश में ही डिजाइन और डेवलप किया गया और ट्रायल रन के लिए तैयार किया गया. इस पहल ने नेशनल ट्रांसपोर्टर को ज़ीरो-एमिशन ट्रैक्शन के साथ एक्सपेरिमेंट करने वाले ग्लोबल रेल सिस्टम में जगह दिलाई और सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए लंबे समय के कमिटमेंट को दिखाया.

पैसेंजर एक्सपीरियंस और डिजिटल अपग्रेड

2025 में कई पैसेंजर-सेंट्रिक और डिजिटल सुधार शुरू किए गए. टिकट बुकिंग को आसान और ज़्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए एक नया पैसेंजर रिज़र्वेशन सिस्टम और SwaRail जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म लाए गए. फ्रॉड रोकने और फेयरनेस पक्का करने के लिए, तत्काल बुकिंग के लिए ज़रूरी आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन और टिकटिंग नॉर्म्स में बदलाव साल के बीच में लागू किए गए थे.

एंटी-बॉट ड्राइव के हिस्से के तौर पर, IRCTC ने तीन करोड़ से ज़्यादा सस्पिशियस यूज़र IDs डीएक्टिवेट कर दिए. एक्सेसिबिलिटी को भी बढ़ाया गया, जिसमें सीनियर सिटिज़न्स, प्रेग्नेंट महिलाओं, दिव्यांगजनों और देखने में दिक्कत वाले यात्रियों के लिए प्रायोरिटी लोअर बर्थ और डेडिकेटेड स्पेस दिए गए.

स्ट्रेटेजिक नेटवर्क ग्रोथ और स्पेशल सर्विसेज़

ट्रैवल की बदलती डिमांड को मैनेज करने के लिए, रेलवे ने दिसंबर में 89 स्पेशल ट्रेनें चलाईं ताकि सर्दियों की भीड़ के दौरान दिक्कतों को कम किया जा सके, जिससे ज़्यादा रिस्पॉन्सिव ऑपरेशनल अप्रोच दिखा. मुख्य टूरिस्ट और इकोनॉमिक कॉरिडोर में कनेक्टिविटी को मज़बूत करने के लिए स्वर्ण नगरी एक्सप्रेस समेत नई सुपरफास्ट सर्विसेज़ भी शुरू की गईं.

बजट और इन्वेस्टमेंट पर ज़ोर

यूनियन बजट 2025 ने रेल मॉडर्नाइज़ेशन पर सरकार के ज़ोर को और मज़बूत किया, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने, इलेक्ट्रिफिकेशन, कवच जैसी सेफ्टी टेक्नोलॉजी और बेहतर पैसेंजर सुविधाओं के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा दिए गए. इस फंडिंग से लंबे समय तक कैपेसिटी बिल्डिंग और सिस्टम अपग्रेड पर लगातार फोकस का संकेत मिला.

रिकॉर्ड फ्रेट और मॉडर्न लोकोमोटिव

हाई-हॉर्सपावर इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के आने और पूरे साल मजबूत फ्रेट वॉल्यूम परफॉर्मेंस से फ्रेट ऑपरेशन को बढ़ावा मिला, जिससे देश की लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में इंडियन रेलवे की भूमिका और मजबूत हुई.

पिछले दो दशकों में सबसे कम ट्रेन एक्सीडेंट

अधिकारियों ने कहा कि इंडियन रेलवे ने 2025 में पिछले दो दशकों में सबसे कम ट्रेन एक्सीडेंट दर्ज किए, इस सुधार का श्रेय बेहतर सेफ्टी प्रोटोकॉल, टेक्नोलॉजी से चलने वाली मॉनिटरिंग और मजबूत ऑपरेशनल कंट्रोल को दिया गया.

रेलवे एक्सीडेंट आमतौर पर पटरी से उतरने, टक्कर लगने, टेक्निकल खराबी, इंसानी गलती, आग लगने या तोड़फोड़ की वजह से होते हैं, जिससे अक्सर भारी नुकसान होता है. हालांकि, नए आंकड़े बताते हैं कि देश भर में ऐसी घटनाओं में भारी गिरावट आई है.

अप्रैल और नवंबर 2025 के बीच, देश भर में सिर्फ 11 ट्रेन एक्सीडेंट रिपोर्ट किए गए – जो 20 सालों में सबसे कम है.

कुल मिलाकर सुधार के बावजूद, इस साल कुछ बड़ी घटनाएं हुईं. जनवरी में, पुष्पक एक्सप्रेस एक्सीडेंट में 12 लोगों की मौत हो गई थी. फरवरी में, प्रयागराज महाकुंभ के दौरान दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 20 लोगों की मौत हो गई थी.

2025 इंडियन रेलवे के लिए एक अहम साल साबित हुआ, जिसमें टेक्नोलॉजी अपनाने, पैसेंजर के आराम, सस्टेनेबिलिटी की कोशिशों और स्ट्रेटेजिक विस्तार को मिलाकर आने वाले दशकों के लिए एक अच्छा ब्लूप्रिंट बनाया गया. इलेक्ट्रिफिकेशन लगभग पूरा होने और ग्रीन मोबिलिटी के ज़ोर पकड़ने के साथ, रेलवे का फोकस देश भर में लाखों यात्रियों के लिए सेफ्टी, एफिशिएंसी और सबको साथ लेकर चलने वाली सर्विस पर बना हुआ है.

MORE NEWS